ग्वालियर। भारत की जीडीपी में एमएसएमई इकाईयों की 33 प्रतिशत भागीदारी है, जबकि निर्यात में 50 प्रतिशत भागीदारी है। कोविड संक्रमणकाल में इस प्रतिशत में कमी आई थी, लेकिन एमएसएमई विभाग द्बारा वेंडर डवलपमेंट कार्यक्रमों के माध्यम से इस कमी को दूर करते हुए भागीदारी और बढ़ाने का प्रयास सराहनीय है। निवेश बढ़ाने के उद्देश्य के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इंवेस्टर्स मीट आरंभ किया है। यह इंन्वेस्टर मीट ग्वालियर में भी कराए जाने को लेकर सरकार से अनुरोध किया गया है।
स्थानीय स्तर पर आयोजन होने से आधुनिक तकनीक का ज्ञान रखने वाले युवा भी इसका उपयोग कर सकेंगे। चैंबर ऑफ कॉमर्स की नई टीम इस दिशा में अग्रणी रहकर काम कर रही है। हमारा प्रयास है कि उद्योगों के लिए जमीन व संबंधित औपचारिकताओं को पूरा करने की प्रक्रिया एक ही छत के नीचे लेकर आएं। चैंबर ऑफ कॉमर्स सभागार में शुरू हुए डवलपमेंट कार्यक्रम के पहले दिन संभागायुक्त दीपक सिंह ने कही। इस दौरान एमएसएमई के जॉइंट डायरेक्टर डीडी गजभिये ने कहा कि वेंडर डवलपमेंट कार्यक्रम का उद्देश्य वैंडर्स को पब्लिक सेक्टर यूनिट्स एवं शासकीय विभागों के साथ जोडऩा है, ताकि वे तैयार माल सप्लाई कर सकें।
जॉइंट डायरेक्टर ने एमएसएमईडी एक्ट 2006 के सैक्शन-11 के प्रावधान बताते हुए कहा कि सरकार द्बारा इस क्लॉज के माध्यम से एमएसएमई के उत्पाद की मार्केटिंग के लिए शासकीय विभागों को 25 प्रतिशत क्रय के लिए बाध्य किया गया है। इस खरीद में 3 प्रतिशत एससी/एसटी एवं महिलाओं के लिए रिजर्वेशन रखा गया है। सेक्शन-15 से 18 के प्रावधानों में एमएसएमई के त्वरित पेमेंट की व्यवस्था की गई। इसमें बॉयर को 45 दिन में भुगतान के लिए बाध्य किया गया है। एमएसएमई विकास कार्यालय-इन्दौर/एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा म. प्र. चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री सहित विभिन्न औद्योगिक संगठनों के सहयोग से वेंडर डवलपमेंट कार्यक्रम का आरंभ हुआ।
उद्घाटन समारोह में संभागायुक्त दीपक सिंह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे। इनके अलावा एमएसएमई के जॉइंट डायरेक्टर डी.डी. गजभिये, एमपीसीसीआई अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल, मानसेवी सचिव दीपक अग्रवाल, बीएसएएफ की टियर स्मॉक यूनिट के डिप्टी जनरल मैनेजर हिमांशु उदेरिया, एनएफल से अमसल रजा, सीएसआईआर एम्प्री से डॉ. अलका मिश्रा, डीआरडीई से डॉ. प्रदीप गुप्ता एवं गेल से अनिल कुमार, मंच पर मौजूद थे। आयोजन की शुरुआत आन्या गुप्ता द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुई।
यह बोले पदाधिकारी
अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि एमएसएमई नीतियों को जन-जन तक पहुंचाना शासन का उद्देश्य है। वैंडर डवलपमेंट काार्यक्रम में यह जानेंगे कि एमएसएमई इकाइयों में शामिल होकर कैसे पब्ल्कि सैक्टर यूनिट व शासकीय विभागों के वेंडर बन सकते हैं।
आयोजन संयोजक और वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी एमएसएमई विकास संस्थान, इंदौर अनुज्ञा हण्डू द्बारा वैंडर को मिलने वाले लाभ के बारे में जानकारी दी।
पब्लिक सैक्टर यूनिट की लगी प्रदर्शनी
दो दिवसीय कार्यक्रम में भागीदारी कर रहीं पब्लिक सेक्टर यूनिट्स की प्रदर्शनी भी लगी हैं। इस दौरान पंजीयन सहित अन्य जरूरी जानकारियों से अवगत कराया गया। इसके अलावा स्कीम एंड वैंडर, वैंडर रजिस्ट्रेशन के अन्तर्गत सीएसआईआर-एएमपीआरआई, भोपाल द्वारा विके्रताओं के पंजीकरण एवं योजनाओं के संबंध में जानकारी दी गई। सिडबी, भोपाल द्वारा एमएसएमई के लिए संगठन की योजनाओं पर प्रकाश डाला गया । गेल, गुना द्वारा भी अपना प्रजेंटेशन देते हुए वैेंडर्स रजिस्ट्रेशन की जानकारी दी गई। डीआरडीई, ग्वालियर द्वारा भी वैंडर रजिस्ट्रेशन सेशन में तकनीकी जानकारी दी गई। शासकीय मार्केटप्लेस हेतु जेम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन एवं बॉयर को माल सप्लाई करने के विषय में जेम नई दिल्ली से आए संदीप कुमार ने विस्तार से जानकारी दी।