sanjay bhardwaj
ग्वालियर। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर एवं उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधीश न्यायामूर्ति रोहित आर्या के निर्देशानुसार 24 फरवरी को उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के क्षेत्राधिकार में ग्वालियर जिला सहित 09 जिलों में‘‘समाधान आपके द्वार योजना’’ के तहत पांचवें चरण के शिविर आयोजित होंगे। साथ ही प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस दिन शिविरों का आयोजन किया जायेगा। ग्वालियर जिले में प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ग्वालियर पी सी गुप्ता के मार्गदर्शन में शिविरों की तैयारियाँ जारी हैं। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को शिविरों में अधिकाधिक प्रकरणों का निराकरण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि निराकरण की तैयारियाँ अभी से की जाएँ।
समाधान आपके द्वार योजना के तहत आयोजित होने जा रहे इन शिविरों में राजस्व, पुलिस, वन, विद्युत एवं नगरीय निकाय विभाग के शमनीय मामलों, न्यायालयों में प्रचलित राजीनामा योग्य मामलों तथा प्री-लिटिगेशन मामलों का सौहार्दपूर्ण वातावरण में आपसी समझौते से निराकरण किया जावेगा।
जिला विधिक सहायता अधिकारी दीपक शर्मा से प्राप्त जानकारी के अनुसार अन्य विभागों से संबंधित मामलों के निपटारे के लिए कोई भी व्यक्ति अपने मोबाईल या कम्पयूटर के माध्यम से MPSLSA की वेबसाइट (www.mpslsa.gov.in) पर जाकर (समाधान आपके द्वार) नामक विंडो पर क्लिक करके अपना आवेदन अथवा शिकायत दर्ज करा सकता है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ग्वालियर ने आम जन से अपील की है कि यदि उनका कोई मामला लंबित है और राजीनामे द्वारा प्रकरण का निपटारा चाहते है, तो इस अवसर का लाभ अवश्य उठाएँ।
न्यायालयीन एवं विभागवार इस प्रकृति के प्रकरणों का होगा निराकरण
विभागवार प्रकरणों में मसलन राजस्व विभाग के प्रकरण जैसे फसल हानि के लिये आर्थिक सहायता, कुएं या नलकूप के नष्ट होने पर दी जाने वाली सहायता, बंटवारा आदेश के पश्चात नक्शों में बटांकन/तरमीम तथा तरमीम पश्चात अक्स नक्शा, भूमि का सीमांकन करना, सीमांकन विवादों का निपटारा, नामांतरण के मामलों के विवाद की दशा में सुलह/समझाईश से विवाद समाप्त करना, बंटवारा/उत्तराधिकार/अतिक्रमण प्रकरण, रास्ते/जल निकासी व जल स्त्रोत के उपयोग से संबंधित प्रकरण शामिल है।
पुलिस के प्रकरण मसलन दण्ड प्रक्रिया संहिता (1860 का 45) की धाराओ के अधीन राजीनामा योग्य दण्डनीय अपराधों का शमन, धारा 320 (2) द.प्र.सं. से संबंधित राजीनामा योग्य प्रकरण, अन्य दाण्डिक अधिनियमतियों यथा- सूचना प्रौद्यौगिकी अधिनियम, 2000, मोटर यान अधिनियम 1988, परकाम्य लिखत अधिनियम 1881, म.प्र. आबकारी अधिनियम 1915, लोकशांति भंग के मामले, साधारण मारपीट आदि से संबंधित राजीनामा योग्य प्रकरण। वन विभाग के प्रकरणः वे मामले, जिनका शमन भारतीय वन अधिनियम, 1927 की धारा 68 के अंतर्गत आते है।
ऊर्जा विभाग (विद्युत) द्वारा विभाग की सेवाओं जैसे कनेक्शन, मीटर बंद या तेज चलने की शिकायत, बिल राशि की वसूली व किश्त सुविधा आदि से संबंधित मामले व विद्युत चोरी या अनधिकृत उपयोग के प्रकरणों से संबंधित मामले निराकृत किए जायेंगे। नगरीय विकास विभाग के जिन प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा, उनमें नगरीय निकाय से संबंधित सेवाओं जैसे-जलकर, संपत्तिकर, उपभोक्ता प्रभार एवं अन्य करों से संबंधित बकाया वसूली के प्रकरण शामिल हैं।
समाधान आपके द्वार के तहत आयोजित होने जा रहे शिविरों में दीवानी प्रकरण, कुटुम्ब न्यायालय से संबंधित प्रकरण, प्री-लिटिगेशन के माध्यम से ऐसे शमनीय प्रकरण, जो अभी न्यायालय में प्रस्तुत नहीं हुये है। आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना, गैस कनेक्शन, सी.एम, हेल्पलाईन, समग्र आई.डी. आदि के प्रकरण, विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 22- बी में उल्लिखित जनउपयोगी सेवाओं के प्रकरण आदि का निराकरण भी होगा।