sanjay bhardwaj
भारत । मार्च का महीना आ गया है। हर एक नए महीने के साथ ही शौकिया खगोलविदों को आसमान में अनोखे नजारों का इंतजार रहता है। मार्च 2024 भी अपने साथ बेहद खास घटनाओं को लेकर आया है। वेदर डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक डेविल कॉमेट समेत चंद्रमा से जुड़ी कई घटनाएं इस महीने होंगी। जिन लोगों के पास टेलीस्कोप है यह महीने उनके लिए जुनून को जगाने वाला है। क्योंकि इस दौरान आसमान ब्रह्मांडीय धूल से मुक्त रहेगा। यानी हमें सितारे काफी साफ दिखाई देंगे।
एस्टेरॉयड तीन जूनो 3 मार्च को दक्षिणी लियो में, सेक्स्टन के साथ 8.6 मैग्नीट्यूड से चमकेगा।9-10 मार्च को मेसियर मैराथन होगा। मेसियर कैटलॉग में अंतरिक्ष की 110 से ज्यादा चीजें लिस्ट की गई हैं, जिनमें कई गैलेक्सी, नेबुला और सितारों का क्लस्टर भी शामिल हैं। खगोलशास्त्री एक ही रात में इन सभी 110 को देखने का प्रयास करेंगे, जो मेसियर मैराथन कहलाता है। छोटे टेलीस्कोप या दूरबीन से भी इन्हें देखा जा सकता है। इसके अलावा 10 मार्च को सुपर न्यू मून भी दिखाई देगा। यह न्यू मून तब होगा जब चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होगा। इसी कारण इसे सुपर न्यू मून नाम दिया गया है।
धूमकेतु आ रहा धरती के करीबमार्च 22 को हमें डेविल कॉमेट दिखाई दे सकता है। यह धूमकेतु 71.2 साल में सूर्य का एक चक्कर लगाता है। अब यह एकबार फिर दिखाई देगा। लंबे समय से इसे देखने का खगोलविद इंतजार कर रहे हैं। इस धूमकेतु का सौर मंडल में आगमन कोई नया नहीं है। इसे 12च् पोंस ब्रूक्स के नाम से जाना जाता है। 1812 में इसे धूमकेतु खोजकर्ता जीन-लुई पोंस ने खोजा था। लेकिन इसका अवलोकन इतना सटीक नहीं था कि इसके वापसी के समय को लिखा जा सके। 1883 में विलियम ब्रूक्स ने इसे फिर खोजा।मार्च में लगेगा चंद्र ग्रहणमार्च जब खत्म होने वाला होगा, तब 24-25 तारीख को उपछाया चंद्र ग्रहण होगा। यह बेहद सूक्षम घटना होगी, जिसमें चंद्रमा की चमक कम होगी।
यूरोप, पूर्वोत्तर एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत में यह दिखाई देगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसके अलावा हमें 25 मार्च को वर्म माइक्रोमून दिखेगा। यह पूर्णिमा है जो उत्तरी गोलार्ध में केचुओं के जन्म के लिए जानी जाती है।