ग्वालियर। 66 वार्ड और 429 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तार लिए ग्वालियर, मुरार और लश्कर उपनगर को मिलाकर बनी नगर निगम की महापौर डॉ. शोभा सिंह सिकरवार 21.63 अरब का बजट प्रस्तुत करने के लिए ई-रिक्शा से परिषद की बैठक में पहुंचीं। महापौर के इस अनौखे अंदाज से परिषद में पहुंचने की शहर में चर्चा हो रही है। चर्चा यह भी है कि इस बार नगर निगम परिषद ने शहर वासियों पर कोई नया टैक्स नहीं थोपा है। पुराने टैक्स में से कोई टैक्स घटाया भी नहीं है। वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तुत किए गए बजट में महापौर, पार्षद और सभापति की निधि बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है और महिलाओं के लिए शहर में पिंक टॉयलेट बनाने का प्रावधान भी रखा गया है। सभापति मनोज सिंह तोमर ने बजट संशोधन आदि के लिए 23 फरवरी की शाम 5.30 बजे तक का समय निर्धारित किया है। इसके बाद 27 फरवरी को चर्चा होगी।
राष्ट्रगान के बाद सब बोले जय बजरंगबली
बजट सत्र पर चर्चा के लिए पांच दशक बाद कोई कांग्रेसी महापौर नगर निगम परिषद पहुंचा। अनोखे अंदाज में पहुंचीं महापौर और कांग्रेसी पार्षदों ने खजाने में पैसा न होने की बात बताते हुए ई-रिक्शा से आने को जायज बताया। इसके बाद परिषद की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई। महापौर डॉ. सिकरवार ने करीब 1 करोड़ रुपए हानि का बजट पेश किया। जबकि आय को लेकर अधिकतर आस अनुदान आधारित है। बजट भाषण में महापौर ने जय बजरंगबली का नारा लगाया और फिर कहा कि जनता ने जो दायित्व दिया है, उस पर लगातार खरा उतरने की कोशिश जारी है। गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आयुक्त द्वारा एमआईसी को प्रेषित किए गए आय-व्यय पत्रक में 18 अरब 70 करोड़ 30 लाख 19 हजार रुपए आय दर्शाते हुए लगभग 7 लाख 38 हजार 650 रुपए शुद्ध लाभ बताया गया था। जबकि महापौर ने नगर निगम की आर्थिक स्थिति खराब होने और प्रदेश सरकार से पैसा न मिलने की बात कहते हुए 21 अरब 63 करोड़ 95 लाख् 16 हजार रुपए का बजट पेश किया।
एक नजर में बजट
-मेयर-इन-काउसिंल ने आयुक्त द्वारा प्रस्तावित 18.70 अरब रुपए से अधिक की आय के प्रस्तावों पर कमी/वृद्धि का विचार कर 21.63 अरब रुपए आय का प्रावधान किया।
-आयुक्त द्वारा प्रस्तावित 18 अरब 47 करोड़ 29 लाख 68 हजार व्यय पर विचार करके एमआईसी ने 21 अरब 38 करोड़ 72 लाख 69 हजार के व्यय को प्रस्तावित किया है। जबकि रक्षित निधि के रूप में आय का 5 प्रतिशत या 24 करोड़ 13 लाख 87 हजार 200 रुपए शामिल कर 21 अरब 63 करोड़ 95 लाख 16 हजार रुपए का बजट प्रस्तुत किया।
-वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तुत किए गए बजट में 1 करोड़ 8 लाख 59 हजार 800 रुपए की बढ़ोतरी दर्शाई गई है।
इन कामों पर किया गया फोकस
स्वच्छता
नगर निगम बजट में स्वच्छता सर्वेक्षण-2023 को ध्यान में रखा गया है। सर्वेक्षण में शहर को 1 लाख से अधिक की जनसंख्या श्रेणी में 16 वां स्थान मिला था। इसके अलावा वाटर प्लस भी मिल चुका है। इस वर्ष और बेहतर रैकिंग को लक्षित किया गया है। इसके अंतर्गत कचरा संग्रहण के लिए 100 नए ई-वाहन, 40 रिफ्यूज कॉम्पेक्टर का प्रस्ताव रखा गया है। वर्तमान में 224 वाहन से कचरा संग्रहण हो रहा है। इसके अलावा 300 टीपीडी ड्राइ वेस्ट, 200 टीपीडी वेस्ट कंपोस्ट-प्लास्टिक वेस्ट, 400 टीपीडी ऑटोमेटेड एमआरएफ प्रसंस्करण इकाई और 50 टीपीडी सेनेट्री लैंडफिल तैयार करने का प्रस्ताव है। स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के अंतर्गत 6.02 लाख मीट्रिक टन वेस्ट निपटान का काम शुरू किया गया है। ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन प्रकोष्ठ ने 3.5 लाख मीट्रिक टन वेस्ट निपटान के लिए प्रदेश सरकार को कार्ययोजना प्रस्तुत किया जा चुका है। बीते वर्षों की तरह 23 विशिष्ट सार्वजनिक शौचालयों के अलावा सामान्य सार्वजनिक शौचालय, नालियां और सड़कों की सफाई पर फोकस किया जाएगा। 25 नए विशिष्ट सार्वजनिक शौचालय निर्माण का प्रस्ताव रखा गया है। जागरूकता के लिए नारा लेखन, सौदर्यीकरण और दीवार लेखन आदि काम कराने का प्रस्ताव रखा गया है।
रोजगार
-शहरी क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को रोजगार/स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत प्रस्ताव किए गए हैं। इन प्रस्तावों के अंतर्गत 180 प्रशिक्षणार्थियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। सरकार द्वारा दिए गए 305 समूहों के लक्ष्य को पूरा किया जाना है। वर्तमान में 105 स्व सहायता समूहों का गठन हो चुका है। इनमें से 70 समूहों को 10-10 हजार रुपए रिवॉल्विंग फंड दिया जा चुका है। 45 समूहों को 160 लाख रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया है। 13 समूहों को उद्योग स्थापना के लिए 20 लाख रुपए के प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा गया है। स्वरोजगार के लिए 102 हितग्राहियों को 126 लाख रुपए का ऋण उपलब्ध कराया गया है।
अमृत-2.0
नगर निगम क्षेत्र में पेयजल और सीवरेज परियोजना एवं जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार के लिए स्टेट एक्शन प्लान में 812.93 करोड़ रुपए जल प्रदाय राशि, 100 करोड़ रुपए सीवरेज के लिए और जल संरचनाओं के लिए 5 करोड़ रुपए मिलाकर कुल 917.93 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। वर्ष 2024-25 के बजट में जलप्रदाय और वॉटर बॉडीज पर 535 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। जल प्रदाय के लिए अमृत-1 में वार्ड-1 से वार्ड-60 तक कराए गए कामों के बाद डिजायन के अनुसार पाइप लाइन बिछाने और पूर्व स्वीकृति ड्राइंग में जिन गलियों को शामिल नहीं किया गया था, उनमें आवश्यकतानुसार टंकी आदि निर्माण के लिए अमृत-2.0 में डीपीआर बन रही है।
जनकार्य विभाग अंतर्गत प्रस्तावित कार्य
राजस्व
– पुनर्निर्मित हुजरात मार्केट में स्थित 54 दुकानों को 30 वर्ष की लीज पर आवंटित करने से लगभग राशि रुपए 06 करोड़ की आय होना संभावित है।
– ढोली बुआ पुल स्थित नव-निर्मित कॉम्पलेक्स में बनी 18 दुकानों एवं 03 आवासीय प्रकोष्ठों को 30 वर्ष की लीज पर आवंटन से लगभग राशि 03 करोड़ रुपए की आय होना संभावित है।
– बारादरी चौराहा मुरार निगम मार्केट के प्रथम तल पर स्थित हॉल को 30 वर्ष की लीज पर आवंटन किये जाने से लगभग राािश रुपए 4.25 करोड़ की आय होना संभावित है।
– गालव विश्रांतिगृह की दरों में वृद्धि से आगामी वित्तीय वर्ष में लगभग राशि रुपए 35 लाख की आय होना संभावित है।
– निगम स्वामित्व की विभिन्न स्थानों पर स्थित रिक्त लगभग 96 दुकानों के आवंटन से लगभग राशि रुपए 8.00 करोड़ की आय होना संभावित है।
– सिनेमाघरों की दरों में वृद्धि करने से आगामी वित्तीय वर्ष में लगभग राशि रुपए 30 लाख की आय होना संभावित है।
– निगम स्वामित्व की विभिन्न स्थानों पर स्थित 30 पार्किंग स्थलों के ठेके दिये जाने से आगामी वित्तीय वर्ष में लगभग राशि रुपए 01.00 करोड़ की आय होना संभावित है।
पार्क
– वर्ष 2024-25 में पार्क विभाग द्वारा ग्वालियर पूर्व विधानसभा, ग्वालियर दक्षिण विधानसभा एवं ग्वालियर विधानसभा अंतर्गत 02-02 नवीन बड़े पार्क विकसित कर 02 वर्षीय संधारण कार्य ठेका प्रथा के माध्यम से कराया जाना प्रस्तावित है।
– ग्वालियर नगरीय सीमा क्षेत्रान्तर्गत सौंदर्यीकरण हेतु पूर्ण विकसित पार्को में म्यूजिकल/ऑरनामेंटल फाउण्टेन लगाये जाना प्रस्तावित है।
– खुली शासकीय भूमि, पार्कों, सड़क किनारे पर हरियाली महोत्सव 2024-25 में विभागीय एवं जनसहयोग के माध्यम से सघन वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जायेगा।
– ग्वालियर नगरीय सीमा क्षेत्रान्तर्गत पूर्ण विकसित पार्को में आमजनों के बेहतर स्वास्थ्य के दृष्टिगत नवीन ओपन जिम एवं बच्चों के मनोरंजन हेतु खेल उपकरण लगाया जाना प्रस्तावित है।
– ग्वालियर शहर के सौदर्यीकरण को देखते हुए मुख्य मार्गों पर स्थित डिवाईडर एवं सड़क किनारों पर शौभनीय/ऑरनामेंटल पौधों का रोपण कार्य कराया जाना प्रस्तावित है।
– ग्वालियर शहर के प्रमुख चौराहों एवं रोटरियों पर सौंदर्यीकरण हेतु नवीन फुब्बारे लगाये जाना प्रस्तावित है।
पीआईयू
निकाय द्वारा स्मार्ट सिटी से प्राप्त डिपॉजिट राशि से पी.आई.यू. सेल द्वारा शहर सौन्दर्यीकरण, पर्यावरण एवं यातायात की दृष्टि से महत्वपूर्ण निर्माण कार्य कराये जा रहे है। जिसका लाभ आमजन को एवं शहर में आने वाले सैलानियों को भी निश्चित रूप से होगा। इस संबंध में निकाय द्वारा गांधी मार्ग का विकास एवं सौन्दर्यीकरण, चौराहा विकास कार्य, संगीत विश्वविद्यालय/फाइन आट्र्स कॉलेज विकास, एनीमल इन्सीनेटर स्थापना एवं सिविल कार्य, निगम म्यूजियम का पुनरूद्धार, कन्वेशन सेंटर निर्माण, पड़ाव आवेरब्रिज के नीचे विकास एवं सौन्दर्यीकरण कार्य, पड़ाव ओवरब्रिज के नीचे विद्युतीकरण, गोले का मंदिर से एयरपोर्ट तक प्री-कास्ट डिवाईडर का निर्माण एवं अन्य नवीन कार्यों की कार्य योजना तैयार कर नगर निगम को राशि आवंटन की जा रही है। स्मार्ट सिटी ग्वालियर के लगभग राशि रू. 150.00 करोड़ के अंतर्गत ग्वालियर शहर में उक्त कार्यों का क्रियान्वयन कराये जाने का प्रावधान प्रस्तावित किया गया है। साथ ही नवीन परिषद भवन के निर्माण कार्य हेतु प्रावधाऩ प्रस्तावित किया गया है।
आदर्श गौशाला
-गौशाला को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में इण्डियन ऑयल कॉर्पोरेशन द्वारा निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व मद से राशि रुपए 32 करोड़ की लागत से 100 टन प्रति दिवस क्षमता वाला बायो सी.एन.जी. प्लांट के स्थापना का कार्य गतिशील है।
-बायो सी.एन.जी. प्लांट की स्थापना लगभग 10 बीघा भूमि पर की जाना प्रस्तावित है एवं भविष्य में विस्तार को दृष्टिगत रखते हुये 1 हेक्टेयर भूमि आरक्षित रखी गई है।
-प्लांट स्थापना उपरांत लगभग 2 से 3 टन प्रति दिवस बायो सी.एन.जी. एवं लगभग 20 टन प्रति दिवस उच्च कोटि की प्राकृतिक खाद का उत्पादन होगा, जिससे कि नगर निगम, ग्वालियर को लगभग राशि रूपये 7 करोड़ की आय प्राप्त होना संभावित है।
– नगर निगम ग्वालियर द्वारा मार्क हॉस्पीटल गोले का मंदिर पर अस्थायी रूप से संचालित गौवंश लगभग संख्या 2000 को आदर्श गौशाला लाल टिपारा में स्थानांतरित करने हेतु लगभग 25 बीघा भूमि पर नवीन काऊ शेड, खनौटे एवं अन्य आधारभूत सुविधाओं का निर्माण कार्य प्रस्तावित किया गया है। जिसमें से 20,000 वर्ग फीट का काऊ शेड नगर निगम ग्वालियर द्वारा स्वयं के व्यय से तैयार किया जा रहा है।