वर्तमान समय को समझपाना काफी जटिल होता जा रहा है इसलिए युवाओं को वर्तमान समय के साथ चलने के लिए शांत स्वाभाव का होना अत्यंत जरुरी है, झूंठ से बचना चाहिए, दिखावे से दूर रहे, बहरूपियों से सावधान रहे, परिवार के साथ थोड़ा समय अवश्य विताएं, ज्यादा दोस्त न बनायें, एक-दो दोस्त को खास बनायें, स्वच्छ एवं शांत वातावरण को चुने, इन्वेस्टमेंट के बारे में जानकारी जुटाएं, अच्छे लोगो के साथ समय बिताएं जो आपकी तरक्की में सहयोग करते हो, किसी भी व्यक्ति का अपराध में जुड़ना ना केवल वह व्यक्ति बल्कि उसका परिवार भी पीड़ित होता है इसलिए अब हमारे लिए केवल दो ही रास्ते बचे है या तो यूपी सरकार जैसी कार्यवाही करे लेकिन सुप्रीम कोर्ट इस कार्यवाही के खिलाप है और कड़ी कार्यवाही के बिना अपराध पर लगाम लगाना अंधे के हाँथ बटेर बाली कहावत को चरितार्थ करने के अलावा और कुछ भी नहीं साबित होगी यह बात युवाओं के नाम संदेश में अरुणेश सिंह भदौरिया जनशक्ति वेलफेयर सोसाइटी संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष,अस्सिटेंट जनरल मैनेजर जमना ऑटो इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने कही।
उन्होंने कहा कि आज का युवा बहुत जल्दी अमीर बनना चाहता है इसके लिए गलत रास्ता जैसे क्राइम की तरफ बढ़ता जा रहा है अगर हम ग्वालियर की बात करे तो हर रोज युवा आपको क्राइम में लिप्त होता हुआ नज़र आएगा ऐसा क्यों?
क्या बेरोजगारी इसका एक कारण हो सकती है?
क्या बच्चे की परवरिश सही से न होना भी एक कारण हो सकता है?
क्या आज की चकाचौंद बाली जिंदगी बच्चो को क्राइम करने के लिए मजबूर कर रही है? और भी न जाने कितने सवाल इस युवा क्राइम की दुनिया से जुड़े हुए हो सकते है लेकिन इसको कण्ट्रोल कैसे करें ये सबसे बड़ा सवाल है
उन्होंने कहा कि अपराध की रोकथाम में सक्रिय रूप से भाग लेने का सबसे अच्छा तरीका यह है आपसी संवाद ( यह संवाद अपराधी ,परिवार एवं प्रशासन ) के बीच होना नितांत आवश्यक है हमारे देश में जिस तरह की सजा का प्रावधान है वह केवल अपराधी के लिए एक दंड हो सकती है लेकिन अपराध रोक नहीं सकती क्योंकि हमारा कानून काफी लचीला है इसलिए इस लचीले कानून से आप अपराध को नहीं रोक सकते हो इसलिए छोटे छोटे समूह बनाकर एक मंच पर संवाद के माध्यम से अपराध को रोका जाना एक सराहनीय कदम की शुरुआत हो सकती है इसमें सामाजिक संस्थाएं जो बाकई युवाओं के उज्जवल भविष्य के लिए कार्य कर रही है ऐसी संश्थाओं को भी साथ लेकर क्राइम पर कण्ट्रोल किया जा सकता है।
इसके अलावा आप अपने आस-पास क्या हो रहा है इसके बारे में ज़्यादा सतर्क और जागरूक बनें। अपने दरवाज़े बंद रखने, अपने पड़ोसियों पर नज़र रखने और अपनी निजी जानकारी को सुरक्षित रखने जैसे कुछ सरल उपायों का पालन करके अपराध को कम किया जा सकता है।