Tuesday, January 14, 2025

समाज, संस्कृति और प्रेरणा का अनूठा संगम पेश करती किताब ‘गल्लां दिल दी’

लखनऊ, 16 अगस्त 2024: हाल ही में प्रकाशित किताब ‘गल्लां दिल दी’ अपने संवेदनशील और प्रेरणादायक विषयों के कारण पाठकों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। इस किताब को राजनीतिक रणनीतिकार, समाजसेवी और पीआर कंसल्टेंट अतुल मलिकराम ने लिखा है और अपनी स्वर्गीय माताजी श्रीमती तेज गुलाटी को समर्पित किया है। यह किताब समाज, संस्कृति, प्रेरणा, शिक्षा, व्यापार और राजनीति जैसे विविध विषयों पर आधारित है और अतुल मलिकराम के निजी व सामाजिक जीवन के अनुभवों का एक विशिष्ट मिश्रण पेश करती है। ‘गल्लां दिल दी’ में मुख्यरूप से भारत की विशाल सांस्कृतिक विरासत और 2030 के भारत के लिए भविष्य का दृष्टिकोण देखने को मिलता है। किताब में अतुल मलिकराम ने सामाजिक और व्यक्तिगत अनुभवों को बड़ी ही सहजता से साझा किया है, जो पाठकों को न केवल इन मुद्दों को गहराई से समझने में सहायक है बल्कि इन विषयों पर गंभीरता से विचार करने के लिए भी प्रेरित करते हैं।

 

किताब में “विश्वास खुद पर”, “एक वोट की कीमत”, “कैदियों की भावनाएं”, और “सिंधी समाज का लीडर कौन?” जैसे विषयों को शामिल कर, अतुल ने एक ऐसे पक्ष को उजागर करने का प्रयास किया है, जिन पर गहनता से विचार करने में हम सामाजिक रूप से आज भी कहीं पीछे खड़े नजर आते हैं। इसके अलावा, शिक्षा और प्रेरणा से जुड़े खंड में “बदलता जमाना और भारतीय शिक्षा प्रणाली” तथा “मन की बीमारी” जैसे गंभीर विषयों पर चर्चा की गई है। इसके अतिरिक्त अतुल मलिकराम ने समाज और संस्कृति से जुड़े जटिल विषयों पर भी गहन चिंतन पेश किया है। इसके कुछ प्रमुख उदाहरणों में “35 टुकड़ों वाला प्यार”, “आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक कार्डियोवैस्कुलर”, और “गाय की पवित्रता पर विज्ञान” जैसे लेख समाज के कुछ अनछुए पहलुओं को सामने लाते हैं। इन लेखों के माध्यम से पाठकों को सांस्कृतिक विरासतों के साथ-साथ तिल-तिल अपनी सभ्यताओं से दूर होते हमारे समाज की हकीकत से भी रूबरू होने का मौका मिलता है।

किताब के व्यवसाय खंड में “एलन के ऐलान” और “पीआर इंडस्ट्री और न्यू एज मीडिया” जैसे विषयों पर भी चर्चा की गई है, जो युवा उद्यमियों को सही मार्ग पर आगे बढ़ने में मदद करती है। इस किताब में सतत विकास के प्रमुख लक्ष्यों को भी शामिल किया गया है। जिसमें एसडीजी 2030 के लक्ष्यों के साथ-साथ भारत के लिए डिजिटल शिक्षा, राजनेताओं के लिए शैक्षणिक योग्यता, सरकारी और निजी क्षेत्रों में समान वेतन जैसे विषयों पर भी जोर दिया गया है। यह लेख बताते हैं कि ऐसे अन्य तमाम बिंदु हैं, जिन पर विचार कर एक मजबूत समाज व व्यवस्था का निर्माण किया जा सकता है।

समीक्षकों की दृष्टि से ‘गल्लां दिल दी’ की लेखन शैली बेहद सरल व प्रभावशाली है, जो जटिल विषयों को भी आसानी से समझने में सहायक है। अतुल मलिकराम ने किताब के माध्यम से अपने विचारों को बड़ी स्पष्टता के साथ पेश किया है, जो पाठकों को समाज, राजनीति व संस्कृति से जुड़े अलग-अलग पहलुओं पर गंभीरता से विचार करने के लिए प्रेरित करती है। ‘गल्लां दिल दी’ को ऑनलाइन व ऑफलाइन स्टोर्स से ख़रीदा जा सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

error: Content is protected !!