पं. उमेश कम्पूवाले की ख्याल गायकी व अभिजीत सुखदाणे का होगा ध्रुपद गायन
तानसेन समारोह के मंगलाचरण स्परूप “तानसेन स्वर स्मृति” के तहत होंगी यह प्रस्तुतियाँ
ग्वालियर : तानसेन समारोह के शताब्दी वर्ष को ध्यान में रखकर संगीत की नगरी ग्वालियर में “तानसेन स्वर स्मृति” के तहत मंगलाचरण स्वरूप पूर्वरंग के रूप में विशिष्ट संगीत सभायें सज रही हैं। इस कड़ी में मंगलवार 10 दिसम्बर को शहर के हृदय स्थल महाराज बाड़ा पर भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं पाश्चात्य संगीत के अद्भुत मिलन से ग्वालियर के रसिक रूबरू होंगे। महाराज बाड़ा स्थित टाउन हॉल में इस दिन सायंकाल 5.30 बजे विशिष्ट संगीत सभा “गालव वाद्यवृंद – सुर ताल समागम” सजेगी।
इस सभा में ग्वालियर घराने के मूर्धन्य संगीत साधक पं. उमेश कम्पूवाले और सुविख्यात ध्रुपद गुरू अभिजीत सुखदाड़े का ध्रुपद गायन तो होगी ही। साथ ही सुविख्यात सितार वादक पं. भरत नायक के निर्देशन में पाश्चात्य एवं भारतीय वाद्यों की जुगलबंदी से सुरों का उत्सव साकार होगा। इस अवसर पर डॉ. पारूल बांदिल द्वारा भक्ति गीत प्रस्तुत किए जायेंगे।
तानसेन समारोह के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब सुरों की नगरी ग्वालियर में समारोह से पहले स्थानीय कलाकारों के सहयोग से संगीत महफिलें सज रही हैं। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान की पहल पर “तानसेन स्वर स्मृति” के रूप में इन विशिष्ट संगीत सभाओं का आयोजन हो रहा है। गत 6 दिसम्बर को आईआईटीटीएम में “ग्वालियर का सांगीतिक वैभव” के रूप में अनूठी संगीत सभा सजी थी। जिसे संगीत मर्मज्ञों की बड़ी सराहना मिली है।