हितेन्द्र सिंह भदौरिया
(लेखक मध्यप्रदेश जनसम्पर्क विभाग में सहायक जनसम्पर्क अधिकारी हैं)
ग्वालियर 13 फरवरी 2024/ झुग्गी-झौंपड़ी में रहते-रहते मेरी जिंदगी बीत चली थी। कभी सोचा भी नहीं था कि हमारे ऊपर भी पक्की छत होगी। पर मेरी झोंपड़ी ने अब पक्के घर का रूप ले लिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भेजे गए पैसों से यह घर बना है।
यह कहना है ग्वालियर शहर के वार्ड-52 की बस्ती गुढ़ा-गुढ़ी का नाका क्षेत्र की निवासी श्रीमती गौरा बाई का । जीवन के लगभग 70 बसंत देख चुकीं गौरा बाई लोहपीटा समुदाय से ताल्लुक रखती हैं। उन्होंने अब तक के जीवन का बहुत बड़ा हिस्सा खानाबदोश की तरह जिया है। होश संभालते ही पक्के घर का सपना पाल लिया था। गौरा बाई बताती हैं कि हमारे परिवार की गाड़ी सही दिशा में चल रही थी। इसी बीच पति का असमय निधन हो गया। तब लगा कि पक्के घर का सपना अब अगले जन्म में ही पूरा होगा।
गौरा बाई कहती हैं कि एक दिन मुझे नगर निगम के कर्मचारियों से पता चला कि हम जैसे जरूरतमंदों को पक्का घर बनाने के लिये प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आर्थिक मदद मिलती है। मेरे भीतर उम्मीद की किरण जगी। नगर निगम के कर्मचारियों के सहयोग से मैंने अपना फॉर्म भर दिया और जल्द ही मेरे लिये पक्का घर मंजूर हो गया। गौरा बाई बताती हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मुझे कुल मिलाकर ढ़ाई लाख रूपए की मदद मिली, जिससे हमने अपने सपनों का आशियाना तैयार कर लिया है।
टप्पा तहसील मुरार परिसर में विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत आयोजित हुए शिविर में गौरा बाई को केन्द्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब उनके मकान की आखिरी किस्त सौंपी तो वे भावुक हो गईं। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री श्री सिंधिया सहित अन्य अतिथियों को मंच पर पहुँचकर खूब आशीर्वाद दिया।
प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रति आभार जताते हुए गौरा बाई बोलीं कि मुझे केवल पक्का घर ही नहीं, हर माह 600 रूपए कल्याणी पेंशन भी सरकार दे रही है। साथ ही सरकार से एक रूपए प्रति किलो के हिसाब से अनाज भी मिलता है। अब मुझे कोई दिक्कत नहीं है । जीवन रूपी गाड़ी का पहिया सरपट दौड़ रहा है। वे कहती हैं कि हम प्रधानमंत्री श्री मोदी का यह उपकार जीवन भर भुला नहीं पायेंगे।