Wednesday, April 2, 2025

मध्यप्रदेश के किसानों के परिश्रम और बेहतर व्यवस्थाओं से बढ़ा सोयाबीन उत्पादन

साढ़े छह लाख मीट्रिक टन से अधिक सोयाबीन खरीदी का अनुमान पोर्टल के माध्यम से उपार्जित फसल का भुगतान दस जिलों में 75 प्रतिशत से अधिक किसानों को भुगतान का कार्य हुआ पूरा

भोपाल :  देश के कुल सोयाबीन उत्पादन का लगभग आधा उत्पादन मध्यप्रदेश में होता है। मध्यप्रदेश सम्पूर्ण देश में सोयाबीन उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। किसानों के परिश्रम और किसानों के हित में शासन द्वारा की गई बेहतर व्यवस्थाओं से मध्यप्रदेश इस उपलब्धि को प्राप्त कर सका है। कृषि अर्थव्यवस्था को व्यापक पैदावार से महत्वपूर्ण योगदान मिलता है। खरीफ की फसलों में सर्वाधिक बोई जाने वाली फसल सोयाबीन ही है। प्रदेश में सोयाबीन का रकबा और उत्पादन बढ़ रहा है। गत वर्ष की तुलना में प्रदेश के सोयाबीन के रकबे में लगभग 2 प्रतिशत वृद्धि हुई है। वर्तमान में प्रदेश का सोयाबीन का रकबा 66 लाख हैक्टयर से अधिक है। प्रदेश में 31 दिसम्बर तक लगभग 6.5 से 7 लाख मीट्रिक टन तक सोयाबीन का उपार्जन पूर्ण हो जाने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश ने महाराष्ट्र और राजस्थान को पीछे छोड़कर सोयाबीन के सबसे बड़े उत्पादक राज्य बनने में सफलता प्राप्त की है। मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को सोयाबीन के लिए 4 हजार 892 रुपए की राशि प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में देने की व्यवस्था की है। प्रदेश में सोयाबीन उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि को देखते हुए उपार्जन की आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं।

किसानों को बिना कठिनाई के हो भुगतान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर किसानों से उपार्जित सोयाबीन के लिए राशि का भुगतान बिना कठिनाई के किया जा रहा है। सोयाबीन के भण्डारण और उपार्जित सोयाबीन की सुरक्षा के प्रबंध भी किए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश हैं कि किसानों को उपार्जन की आधुनिक व्यवस्थाओं का लाभ दिलवाया जाए। प्रदेश में पहली बार सोयाबीन का समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया जा रहा है। ई-उपार्जन पोर्टल का उपयोग भी किया जा रहा है। किसानों को ऑन लाइन राशि के भुगतान की व्यवस्था की गई है।

भुगतान के मामले में ये हैं टॉप 10 जिले

प्रदेश में लगभग दो लाख किसानों को 1957.1 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान उपार्जन के रूप में अब तक किया जा चुका है। प्रदेश में भुगतान का प्रतिशत 70.41 है। राशि के भुगतान में नीमच जिला अग्रणी है, जहां शत-प्रतिशत किसानों को राशि दी जा चुकी है। नीमच सहित विदिशा,राजगढ़, नर्मदापुरम, आगर मालवा, शहडोल, अनूपपुर, जबलपुर, उमरिया और खरगौन ऐसे दस शीर्ष जिलों में शामिल हैं, जहां 75 प्रतिशत से अधिक किसानों को राशि का भुगतान किया जा चुका है। सोयाबीन के परिवहन का कार्य भी प्रदेश में 95 प्रतिशत हो चुका है। प्रदेश में मालवा अंचल में सर्वाधिक सोयाबीन उत्पादन होता है। किसानों के पंजीयन से लेकर, आवश्यक बारदाने की व्यवस्था, परिवहन,भण्डारण और राशि के भुगतान के कार्यों की राजधानी से लेकर जिलों तक नियमित समीक्षा भी की जा रही है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

error: Content is protected !!