Saturday, December 28, 2024

हिंदू पूजा करने से पहले बोलें ये खास मंत्र, समस्त मुश्किलें होंगी दूर

धर्म: हिंदू  एक ऐसा धर्म है जहां पर हजारों रीति-रिवाज और परंपराएं है। उन्हीं में से कई परंपराएं व रिवाज पूजा को लेकर जुड़े हुए हैं। ये परंपराएं एेसी परंपराएं हैं जो वैदिक काल से चली आ रही हैं।जो लोग धर्म आदि में मानते हैं कि वह लोग रोजाना पूजा-पाठ, आरती आदि करते हैं, इसलिए उनके लिए यह जानना अति आवश्यक है कि वह किसी भी तरह की पूजा करने से पूर्व स्वस्ति वाचन आवश्य करें। यह पाठ मंगल कमना का पाठ माना जाता है। यह पाठ सभी देवी-देवताओं को जाग्रत करता है।

स्वास्ति वाचन का महत्व
स्वस्तिक मंत्र या स्वस्ति मंत्र शुभ और शांति के लिए प्रयुक्त होता है। स्वस्ति = सु + अस्ति = कल्याण हो। ऐसा माना जाता है कि इससे हृदय और मन मिल जाते हैं। मंत्रोच्चार करते हुए दुर्वा या कुशा से जल के छींटे डाले जाते थे व यह माना जाता था कि इससे नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है। स्वस्ति मंत्र का पाठ करने की क्रिया ‘स्वस्तिवाचन’ कहलाती है।

मंत्र
ऊं शांति सुशान्ति: सर्वारिष्ट शान्ति भवतु। ऊं लक्ष्मीनारायणाभ्यां नम:। ऊं उमामहेश्वराभ्यां नम:। वाणी हिरण्यगर्भाभ्यां नम:। ऊं शचीपुरन्दराभ्यां नम:। ऊं मातापितृ चरण कमलभ्यो नम:। ऊं इष्टदेवाताभ्यो नम:। ऊं कुलदेवताभ्यो नम:।ऊं ग्रामदेवताभ्यो नम:। ऊं स्थान देवताभ्यो नम:। ऊं वास्तुदेवताभ्यो नम:। ऊं सर्वे देवेभ्यो नम:। ऊं सर्वेभ्यो ब्राह्मणोभ्यो नम:। ऊं सिद्धि बुद्धि सहिताय श्रीमन्यहा गणाधिपतये नम:।ऊं स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः।स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः।स्वस्ति नो ब्रिहस्पतिर्दधातु ॥ ऊं शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Latest Articles

error: Content is protected !!