राजस्व अधिकारियों ने रात्रिकालीन शिविरों में राजस्व संबंधी कुछ समस्याओं का मौके पर ही निराकरण कराया तो कुछ समस्याओं के निराकरण की रूपरेखा तय की। शिविरों के माध्यम से खासतौर पर फॉर्मर आईडी, ई-केवायसी, सीमांकन, बटवारा, अभिलेख दुरुस्ती एवं स्वामित्व योजना इत्यादि से संबंधित समस्यायें हल की गईं। इसके अलावा पीएम किसान पोर्टल पर ई-केवायसी, भू-लेख रिकॉर्ड की आधार से लिंकिंग एवं बैंक खाते से आधार लिंक कराकर डीबीटी (डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर) का काम भी इस दौरान किया गया। साथ ही नामांतरण, बटवारा व सीमांकन प्रकरणों के निराकरण की रूपरेखा तय की। ग्रामीणों से यह भी कहा गया कि यदि गाँव के परंपरागत रास्ते पर अतिक्रमण हो तो अवश्य बताएं, राजस्व अधिकारी इन रास्तों को खुलवायेंगे।
ज्ञात हो 15 नवम्बर से राजस्व महाअभियान 3.0 शुरू हुआ यह अभियान 15 दिसम्बर तक चलेगा। अभियान की मॉनीटरिंग के लिए जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी गाँव-गाँव पहुँच रहे हैं।