मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ होने वाले यौन शोषण और उत्पीड़न की घटनाओं की जांच करने वाली जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद अब पीड़ित अभिनेत्रियां भी अपनी आपबीती बताने के लिए सामने आ रही हैं। इस बीच एक और अभिनेत्री ने इंडस्ट्री से जुड़े लोगों और मार्क्सवादी पार्टी के नेता पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
अभिनेत्रियों ने किए कई चौंकाने वाले खुलासे
जी हां, फिल्म इंडस्ट्री में जितनी चकाचौंध नजर आती है उसके पीछे की हकीकत कुछ और ही होती है। इसे बयां करने वाली जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री और सियासी गलियारे में खलबली मचा दी है।
हाल ही में आई इस रिपोर्ट के बाद इंडस्ट्री में शोषण का शिकार हुई अभिनेत्रियां और अन्य महिला कलाकार भी अब खुलकर सामने आ रही हैं और अपने साथ हुई शोषण की घटनाओं के बारे में जानकारी दे रही हैं।
फिल्म डायरेक्टर और प्रोड्यूसर कॉम्प्रोमाइज का बनाते हैं दबाव
जस्टिस हेमा कमेटी में जिन खास मुद्दों को उजागर किया गया है, मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में निर्माताओं, निर्देशक, अभिनेताओं का नेक्सस महिलाओं पर काम देने के बदले अनैतिक डिमांड का प्रेशर बनाते हैं।
अभिनेता, निर्देशक और निर्माताओं समेत 15 लोगों का पावरफुल ग्रुप कर रहा ऐसा काम
रिपोर्ट में अभिनेता, निर्देशक और निर्माताओं समेत 15 लोगों के एक पावरफुल ग्रुप का खुलासा किया गया है। पावरफुल ग्रुप यह तय करता है कि किस महिला कलाकार को काम मिलेगा और किसको नहीं।
इसके अलावा मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की कंट्रोलिंग पावर इन पावरफुल पुरुषों के हाथ में ही है। अगर कोई इनके खिलाफ आवाज उठाने की कोशिश भी करेगा तो उसका करियर बर्बाद करने में उनको जरा भी वक्त नहीं लगता है।
केवल इतना ही नहीं, जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट में यह साफ लिखा है कि छोटी भूमिका वाले या नए लोग सबसे अधिक असुरक्षित हैं। इंडस्ट्री में महिला कलाकारों को अक्सर अपने रोल के बदले अपनी गरिमा से समझौता करने के दबाव का सामना करना पड़ता है।
समझौता नहीं करने वाली महिलाओं से शूटिंग सेट पर करते हैं ऐसा बर्ताव
रिपोर्ट के मुताबिक शूटिंग के दौरान खाने जैसी बुनियादी सुविधाओं को भी कथित तौर पर तब तक रोक दिया जाता है जब तक कि महिलाएं समझौता नहीं करती। लगभग सभी महिलाओं ने कहा कि कई बार तो शूटिंग के सेट पर कोई शौचालय की सुविधा या चेंजिंग रूम तक नहीं होता। खासकर जब शूटिंग दूर-दराज के इलाकों में होती है। ऐसे में महिलाओं को आउटडोर शूटिंग के दौरान शौचालय के लिए पास के किसी जंगल या झाड़ियों में जाना पड़ता है।
इसके अलावा महिलाओं को इंडस्ट्री में लैंगिक असमानताओं का भी सामना करना पड़ता है, खासतौर से उन्हें मिलने वाले पारिश्रमिक पर। इसके अलावा सुरक्षा से संबंधित बुनियादी उपाय जैसे इंटरनल कंप्लेंट कमेटी का व्यावहारिकता में न होकर केवल कागजों पर होना महिला कलाकारों और प्रोड्यूसरों के बीच होने वाले अनुबंधों को अक्सर लिखित रूप में नहीं बनाया जाता। इससे पारिश्रमिक पर सहमति में कई दिक्कतें पैदा होती हैं।
केरल में पी. विजयन सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज
अभिनेत्रियों के ये खुलासे तो अभी मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की हकीकत को सामने लाने का महज आगाज है। आने वाले दिनों में कई और भी बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। वहीं मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में शोषण को लेकर जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट और अभिनेत्रियों के खुलासे के बाद केरल में सियासत अब गरमा गई है। राज्य में पिनराई विजयन सरकार के खिलाफ जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच रिपोर्ट आने के एक सप्ताह के भीतर दो फिल्मी हस्तियों ने मलयालम मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन पद से इस्तीफा भी दे दिया है।