sanjay bhardwaj
व्यापार। मुश्किलों से जूझ रही पेटीएम ई-कॉमर्स स्टार्टअप ठपजेपसं को खरीदने जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पेटीएम और बिटसिला के बीच डील अंतिम चरण में है और जल्द ही पूरी हो सकती है. बेंगलुरु स्थित बिट्सिला एक ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स स्टार्टअप है.
ओएनडीसी में विक्रेता-साइड ऐप के रूप में इस स्टार्टअप की भूमिका बी2बी (बिजनेस टू बिजनेस) है क्योंकि यह छोटे व्यापारियों को नेटवर्क से जोड़ने में मदद करता है. बिटसिला की शुरुआत 2020 में दशरथम बिटला और सूर्या पोक्कली ने की थी. जबकि पेटीएम व्छक्ब् पर एक खरीदार ऐप है. बिट्सिला की खरीद के साथ, पेटीएम नेटवर्क के विक्रेता पक्ष तक भी पहुंच जाएगा और ओएनडीसी पर अपनी पकड़ और मजबूत कर लेगा.
ओएनडीसी क्या है?
यह विक्रेता और खरीदार यानी ग्राहक दोनों को एक-दूसरे से सीधे जोड़ता है. ओएनडीसी एक गैर-लाभकारी कंपनी है. एसबीआई, एचडीएफसी जैसे कई बैंक इसके शेयरधारक हैं. इस कंपनी को भारत सरकार का समर्थन प्राप्त है. ओएनडीसी पर पूरे भारत में 35 हजार से अधिक विक्रेता हैं. 38 लाख से ज्यादा आइटम बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. आप अपनी जरूरत के मुताबिक कैटेगरी चुनकर सामान ऑर्डर कर सकते हैं.
ओएनडीसी के माध्यम से सस्ती दरों पर भोजन उपलब्ध
ओएनडीसी के जरिए ऑर्डर करने पर खाना या सामान सस्ती दरों पर मिल रहा है. इसे उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने तैयार किया है. जहां स्विगी-जोमैटो जैसे फूड एग्रीगेटर 25-30ः कमीशन लेते हैं, वहीं व्छक्ब् केवल 3-5ः चार्ज करता है. इसलिए इससे कुछ भी ऑर्डर करना 27ः तक सस्ता है.
आरबीआई की कार्रवाई से पेटीएम मुश्किल में
आरबीआई ने 31 जनवरी को पेटीएम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए पेटीएम पेमेंट बैंक की सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके तहत 29 फरवरी के बाद पेटीएम पेमेंट बैंक खाते में पैसे जमा नहीं होंगे. इस बैंक के जरिए वॉलेट, प्रीपेड सेवाओं, फास्टैग और अन्य सेवाओं में पैसे जमा नहीं किए जा सकेंगे. हालाँकि, ब्याज, कैशबैक और रिफंड किसी भी समय खाते में जमा किया जा सकता है.