ग्वालियर| एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार, कार्यालय एमएसएमई, डीएफओ, इंदौर एवं म.प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के संयुक्त तत्वावधान में नेशनल सेमिनार ऑन एक्सपोर्ट का आयोजन ‘चेम्बर भवन’ में किया गया|
सेमिनार के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि-अध्यक्ष डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि पिछले 10 वर्षों में एक परिवर्तन देखा गया है कि सरकार केवल योजनाएं नहीं बनाती है बल्कि एमएसएमई जैसे विभागों को इस बात के लिए निर्देशित करती है कि उस योजना की विस्तार से जानकारी अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे| सेमिनार का आयोजन इसी भाव से किया गया है| एक्सपोर्ट कैसे करें, जब एक उद्यमी या सामान्य व्यापारी यह सोचता है तो वह यह मान लेता है कि यह हमारे सामर्थ्य की बात नहीं है लेकिन जब आप उसकी प्रक्रिया और नियमों को जान लेते हैं तो आप यह तय कर लेते हैं कि मैं इसके लिए पूरी तरह तैयार हूँ| आज इस सेमिनार में जितने वक्ता हमारे बीच आये हैं, वह हमें एक्सपोर्ट के लिए पूर्ण रूप से तैयार कर लेंगे| ऐसी मेरी आशा है| आपने कहा कि ग्वालियर अंचल एक्सपोर्ट के लिए बहुत बेहतर स्थान है| हमारे यहां आईसीडी मालनपुर में स्थित है| देश एवं प्रदेश स्तर के कई कार्यालय हमारे यहां मौजूद हैं| एक्सपोर्ट के लिए माहौल तैयार करने में आज का यह सेमिनार सार्थक सिद्घ होगा|
उद्घाटन सत्र में स्वागत उद्बोधन सहायक निदेशक एमएसएमई डीफओ ब्रांच ग्वालियर राजीव कुमार द्बारा दिया गया| सहायक निदेशक एमएसएमई डीफओ, इंदौर राजीव कुमार मोहनानी द्बारा उद्घाटन सत्र के बाद होने वाले सेशन की जानकारी दी गई|
टेक्निकल सत्र में सर्वप्रथम सहायक निदेशक-एमएसएमई-डीएफओ इंदौर नीलेश त्रिवेदी द्बारा एमएसएमई मंत्रालय भारत सरकार द्बारा एमएसएमई को एक्सपोर्ट के लिए दिये जाने वाले सहयोग के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पूरे देश में 5 करोड़ 57 लाख एमएसएमई उद्यम रजिस्ट्रेशन के माध्यम से रजिस्टर्ड हुई हैं एवं इनके द्बारा 23 करोड़ लोगों को रोजगार दिया जा रहा है| इन रजिस्टर्ड एमएसएमई में से 2 लाख 40 हजार इकाईयों द्बारा एक्सपोर्ट किया जा रहा है, जो कि 12 लाख 93 हजार करोड़ रूपये का एक्सपोर्ट किया जा रहा है| इसे और बढाए जाने की आवश्यकता है| आपने बताया कि ग्वालियर के दो जी.आई. रजिस्टर्ड प्रोडक्ट हैं-एक हेण्डमेड कारपेट एवं दूसरा गजक है| यहां के सेण्ड स्टोन और टाइल्स में भी एक्सपोर्ट का बहुत पोटेंशियल है, जिसे एक्सप्लोर किया जाना चाहिए| मिनरल्स का भी एक्सपोर्ट यहां से होता है| एमएसएमई डिपार्टमेंट एक्सपोर्ट के लिए ट्रेनिंग भी देता है| एक्सपोर्ट पर ही शीघ्र ही ग्वालियर में मैनेजमेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम होने जा रहा जो कि 5 दिवसीय होगा| आपने कहा कि वर्तमान में भारत का ग्ल्ाोबली एक्सपोर्ट रेट 2.36 प्रतिशत है जबकि चंद्रगुप्त मौर्य, अशोक के शासनकाल में जाएं तो उस समय यह 35 प्रतिशत था| मुगलकाल में भी यह 18-20 प्रतिशतरहा है लेकिन ब्रिटिशर्स ने हमें 200 साल में बहुत पीछे धकेल दिया| आपने बताया कि एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट के लिए आपको जीएसटी, करंट बैंक अकाउंट, कस्टम, आईईसी, एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, डीजीएफटी, सर्टिफिकेट ऑफ ऑरिजन, उद्यम रजिस्ट्रेशन, पेन नंबर, आरसीएमसी सर्टिफिकेट आदि दस्तावेजों की जरूरत होती है| आपने विस्तार से इसकी जानकारी दी|
डायरेक्टर जनरल ऑफ फोरेन ट्रेड (डीजीएफटी) की सहायक श्रीमती हेमा द्बारा डीजीएफटी की स्कीम के बारे में सेमिनार में बताया कि आपको एक्सपोर्ट करने के लिए सर्वप्रथम डीजीएफटी पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा जहां से आपको इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट कोड (आईईसी कोड) मिलेगा| इसे आप वेबसाइट पर अपनी जानकारी दर्ज कर, कुछ मिनटों में ही जनरेट कर सकते हैं| आपको अपना प्रोडक्ट के लिए बाजार कहां से मिलेगा, यह आपको रजिस्टर्ड प्रमोशन काउंसिल से जानकारी मिलेगी जो कि डीजीएफटी पर ही पंजीकृत होती हैं| आपको यदि यह आशंका है कि अगर आपने एक्सपोर्ट कर दिया और आपका पैसा वापिस नहीं आया तो क्या होगा ? इसके लिए ईसीजीसी इंश्योरेंस तथा पोस्टल डिपार्टमेंट द्बारा भी नॉमिनल रेट पर इंश्योरेंस किया जता है| डीजीएफटी ने छोटे-छोटे एक्सपोर्टर्स के लिए ई-कॉमर्स प्लेटफार्म उपलब्ध कराया है, जहां से आप एक्सपोर्ट कर सकते हैं| एक्सपोर्ट के पॉलिसी हर पांच साल में परिवर्तित होती है|
मध्यप्रदेश में निर्यात के अवसर एवं उसमें एपीडा के भूमिका विषय पर प्रेजेंटेशन श्री अशोक कुमार जी द्बारा दिया गया| स्पाइस बोर्ड, मध्यप्रदेश की एक्सपोर्ट स्कीम्स पर प्रेजेंटेशन-डॉ. भरत अुर्जन गुडाडे द्बारा दिया गया| डाक घर निर्यात केन्द्र पर डाकघर के प्रवर अधीक्षक-श्री ए.के. सिंह द्बारा प्रेजेंटेशन दिया गया| एक्सपोर्ट सर्विस पर अमेजल ग्लोबल से श्री सौरभ कुमार द्बारा दिया गया| इण्डिया ट्रेड पोर्टल पर प्रेजेंटेशन श्री अमित कुमार बरेठा द्बारा एफआईईओ द्बारा दिया गया| फूड प्रोसेसिंग इण्डस्ट्री के लिए भारत सरकार की योजनाओं पर श्री अक्षत अग्रवाल द्बारा प्रेजेंटेशन दिया गया| एक्सपोर्ट के लिए भारतीय स्टेट बैंक की योजनाओं पर एसबीआई के रीजनल मैनेजर श्री अरविन्द मिश्रा जी द्बारा जानकारी प्रदान की गई|
कार्यक्रम के अंत में सवाल-जवाब सेशन में वक्ताओं पर द्बारा उपस्थित प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया|
सेमिनार का संचालन सहायक निदेशक-एमएसएमई-डीएफओ इंदौर नीलेश त्रिवेदी द्बारा तथा आभार मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल द्बारा व्यक्त किया गया| सेमिनार में उपाध्यक्ष-डॉ. राकेश अग्रवाल सहित उद्यमी एवं व्यवसायी सहित काफी संख्या में युवा उद्यमी उपस्थित रहे|