Wednesday, December 25, 2024

भवभूति समारोह में महावीर चरितम का मंचन, कलाकारों ने अपने अभिनय से जीवंत किए पात्र

ग्वालियर। कालिदास अकादमी उज्जैन द्वारा जीवाजी विश्वविद्यालय के गालव सभागार में आयोजित पांच दिवसीय भवभूति समारोह में राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा संस्कृत नाटक महावीरचरितम की प्रस्तुति दी गई । नाटक का निर्देशन नाट्य एवं रंगमंच संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ. हिमांशू द्विवेदी द्वारा किया गया।

महावीरचरितम नाटक रामायण की कथा पर आधारित है। पहले दृश्य में सीता और उर्मिला कुशध्वज के साथ प्रवेश लेती हैं तभी वहां राम,लक्ष्मण और विश्वामित्र आते हैं। वहां एक दूसरे का परिचय होता है, इसके बाद भगवान श्री राम पत्थर के रूप में पड़ी अहिल्या को श्राप मुक्त करते हैं, फिर सीता स्वयंवर की बातें होती हैं। इसी बीच वहां सर्वमाया का प्रवेश होता है और वह रावण का पत्र लेकर आती है, जिसमें सीता से विवाह को इच्छा लिखी होती है। इसके बाद शिव धनुष टूटता है और सीता व राम का विवाह हो जाता है।

सर्वमाया गुस्से में माल्यवान के पास जाती हैं और माल्यवान परशुराम को भेजता है। क्रोध से धधके हुए परशुराम राम को खोजते हुए आते हैं परंतु राम के मधुर वचन सुनकर वहां सब भूल जाते हैं और राम को अपना धनुष देते हैं। इसके बाद जब यह बात माल्यवान को पता चलती है तो वह क्रोध से जल उठता है। एक और चाल चलता है, वह शूर्पणखा को मंथरा का भेष बदलकर व कैकई का पत्र देकर भेजता है जिसमे कैकई राम जी को वनवास भेजती है।

राम जी के वनवास जाने के बाद रावण द्वारा सीता हरण होता है। इसके बाद राम जी मृत जटायु को देखकर रावण को ढूंढते हुए लंका जाते हैं। वहां मंदोदरी रावण को समझाती हैं कि वह सीता को छोड़ दे। इसके बाद त्रिजटा और माल्यवान का भावुक दृश्य है। इसके पश्चात राम जी द्वारा रावण का वध होता है तथा आखिरी में राम दरबार लगता है।

इन्होंने चरित्र निभाए

राम- हर्ष श्रीवास्तव
सीता- रितिका पिंगोरिया
लक्ष्मण -सूर्यांशु राहुल
उर्मिला- नैन्सी सक्सेना
परशुराम -आदित्या श्रीवास्तव
रावण- अश्वनी
मंदोदरी -निशा गुप्ता
विश्वामित्र -उमंग शर्मा
कुशध्वज -उमाकांत
सर्वमाया -ऐश्वर्य दुबे
ताटका- विकास सिंह गोयल ,विवेक राय ,अनिकेत तोमर
अहिल्या -मोनिका चतुर्वेदी
माल्यवान- नरेंद्र सिंह
शूर्पणखा -नितिन वर्मा
त्रिजटा -रूबी रजक
वनवासी राम- दीपक सिंह भोरे
वनवासी सीता -ऋषिता मंगल
वनवासी लक्ष्मण -आनंद
मारीच -विवेक राय
जटायु ,पुष्पक विमान -अखिलेश
पुष्पक विमान -सचिन
नृत्य- अमन कुशवाह ,अलका वेदोरियां

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