ग्वालियर। शहर में महाशिवरात्रि के पर्व पर सभी प्रमुख मंदिरों पर सुबह से ही भक्तों का सैलाब देखा जा रहा है। बम बम भोले के नारों से शिव शंभू के मंदिर गूंज रहे हैं।
आज महाशिवरात्रि पर भोले बाबा के मंदिरों में देर रात से ही भक्तों का जमघट लगा हुआ है। अचलेश्वर, कोटेश्वर, गुप्तेश्वर, मारकंडेश्वर जैसे बड़े मंदिरों पर ही नहीं बल्कि छोटे-छोटे मंदिरों में भी भोले बाबा के भक्तों ने आकर्षक सजावट की हुई है। जगह-जगह ठंडाई के स्टाल लगे हैं। सुबह से ही भक्तों की लंबी-लंबी कतारें मंदिरों में देखी जा रही हैं। भोले बाबा के भक्तों के माथे पर चंदन का टीका लगा दिख रहा है तो जय-जय शिव शंभू के गानों पर पैर थिरकते नजर आ रहे हैं।
शिवरात्रि पर शिवजी की कृपा प्राप्ति और तमाम परेशानियों को दूर करने के लिए कुछ विशिष्ट पूजन विधान बताए जाते हैं। माना जाता है कि इस प्रकार पूजा करने से तमाम कष्ट दूर होते हैं।
ऐसे करें पूजा
1..शिव कृपा प्राप्ति व पुण्य अर्जित और पूर्व जन्म के पापों का नाश करने हेतु गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए।
2.. आजीविका अथवा रोजगार प्राप्ति हेतु दही और बूरे( शक्कर का बुरादा) से अभिषेक करना चाहिए।
3.. राजयोग जैसे सुख प्राप्त करने हेतु गाय के शुद्ध देसी घी द्वारा अभिषेक करना चाहिए।
4.. रोग मुक्ति, चिंता मुक्ति और अवसाद मुक्ति हेतु दूध से अभिषेक करना चाहिए।
5.. लक्ष्मी की प्राप्ति हेतु गंगाजल द्वारा अभिषेक करना चाहिए।
6.. मान सम्मान पद प्रतिष्ठा प्राप्त करने हेतु लाल चंदन से अभिषेक करना चाहिए।
7.. ऋण मुक्ति प्राप्त करने हेतु मसूर की दाल अर्पित करना चाहिए।
8.. मांगलिक दोष निवारण हेतु केसर से अभिषेक करना चाहिए।
9.. वैभव प्राप्त करने हेतु चीनी अर्पित करनी चाहिए।
11.. ग्रह पीड़ा व ग्रह दोष में जीवन के अन्य दोषां से मुक्ति प्राप्त करने हेतु भांग से अभिषेक करना चाहिए।
12.. आर्थिक व सांसारिक दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सांसारिक सुख व आर्थिक सुख संपत्ति प्राप्त करने हेतु आक पुष्प अर्पित करने चाहिए।
13.. शत्रु मुक्ति हेतु सरसों के तेल से अभिषेक का धतूरा अर्पित करना चाहिए।
14.. पुत्र, यश, धन और संपत्ति प्राप्त करने हेतु अक्षत अर्पित करने चाहिए।
15.. बंधन मुक्ति, बाधा मुक्ति जीवन हेतु काले तिल अर्पित करने चाहिए।
16.. शिव की पूर्ण कृपा प्राप्ति, सभी सुख प्राप्त करने हेतु बेलपत्र अर्पित करने चाहिए। विशेष कर बेलपत्र पर राम नाम अंकित कर अर्पित करें।
इसके अलावा आप शिव स्त्रोत या शिव चालीसा का पाठ कर और आरती कर शिवजी को प्रसन्न कर सकते हैं।