ग्वालियर : महात्मा ज्योतिबा राव फुले और उनकी धर्मपत्नी माँ सावित्री बाई फुले जी ने शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं पर लगी बंदिशों को समाप्त कर समाज को आलोकित करने का काम किया। उनका जीवन हमें यह प्रेरणा देता है कि समाज में शिक्षा सर्वोपरि है। इस आशय के विचार सामाजिक न्याय एवं उद्यानिकी मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह ने व्यक्त किए। श्री कुशवाह गुरुवार को जीवाजी विश्वविद्यालय के गालव सभागार में नंदलाल बाल कल्याण समिति द्वारा महात्मा ज्योतिबा राव फुले की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर ज्योतिबा फुले के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया। कार्यक्रम में महात्मा फुले जी के जीवन पर आधारित नाटक और प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा महात्मा ज्योतिबा फुले समाज की कुप्रथा व अंधश्रद्धा की जाल से समाज को मुक्त कराने का काम किया। उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन स्त्रियों को शिक्षा प्रदान कराने में और स्त्रियों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने में व्यतीत किया। श्री कुशवाह ने नंदलाल बाल कल्याण समिति के इस प्रयास को सराहा।
इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष बीज निगम महेंद्र यादव, पूर्व सदस्य पिछड़ा वर्ग आयोग डॉ. गुलाब सिंह, उपाध्यक्ष अखिल भारतीय यादव सभा नवाब सिंह, पूर्व पार्षद जगत गौरव, कार्यपरिषद सदस्य डॉ. रवि अंबे, राजयोगी बी.के. प्रहलाद भाई, कार्यपरिषद सदस्य श्रीमती संगीता कटारे, प्रोफेसर डॉ. शांति देव सिसोदिया,आनंद यादव,रूप सिंह राजपूत, संजय सिंह, बच्चन सिंह और सुरेश सिंह उपस्थित रहे।