विकास गुप्ता
ग्वालियर। शहर की जूली अनेजा को बेटियों की परवरिश और सेवा का इतना जुनून है कि वे अब तक 26 बेसहारा बच्चियों को पाल चुकी हैं। जूली ने अब तक पाली गईं 10 बेटियों की शादी की है। 10 बेटियां पढ़ लिखकर नौकरी कर रही हैं, वहीं 6 बेटियां अभी घर में पल रही हैं। जूली स्वर्ग सदन सेवा आश्रम के 100 से ज्यादा लोगों के लिए खाना बनाकर भी देती हैं।
ग्वालियर में रहने वाली जूली का बचपन कई अभावों में गुजरा था। उस समय जूली ने मन में ठान लिया था कि जब वह संपन्न होंगी तो अनाथ बेटियों के लिए वह काम करेंगी। साल 2018 में जूली 2 बेसहारा बेटियों को अपने घर लेकर आईं और उनकी परवरिश की। इसके बाद ये सिलसिला चलता रहा। बीते 6 साल में जूली ने 26 बेसहारा बेटियों को अपने घर लाकर परवरिश की है। इनमे से जूली ने 10 बेटियों की शादी की है। वहीं 10 बच्चियां पढ-़लिख कर जॉब कर रही हैं। आज 6 बेटियां जूली के घर रह रही है। खास बात ये है कि जूली ग्वालियर के स्वर्ग सदन आश्रम के 100 बेसहारा लोगों के लिए रोजाना सुबह शाम निःशुल्क खाना बनाकर देती हैं।
जूली अनेजा के काम में उनके पति कमल अनेजा भी सहयोग करते हैं। कमल कहते हैं कि हमारे पास अब तक 26 बेटियां आ चुकी हैं और जब तक हमारा जीवन है, तब तक बेटियों का पालन करते रहेंगे। जूली के घर साल 2018 में सबसे पहले काजल पहुंची थी। बिन मां-बाप की बच्ची काजल की उसके रिश्तेदारों ने बचपन में ही शादी ज्यादा उम्र के लड़के से कर दी थी। जूली ने 2018 में काजल के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी और फिर उसकी शादी शून्य घोषित कराई।
काजल को पढ़ाया-लिखाया और फिर बालिग होने पर अच्छा लड़का देखकर उसकी शादी कर दी। काजल कहती हैं कि उसने मां तो नहीं देखी लेकिन मां होती तो जूली मां से बेहतर नहीं होती। वहीं जूली के घर में रह रहीं सोनम कहती हैं कि बचपन में उसके सिर से माता-पिता का साया उठ गया था, लेकिन जब से वह इस घर में आई है, उसे मां की कमी महसूस नही हुई। सोनम कहती है कि उनकी तमन्ना है कि वह भी अपनी मां जूली की तरह ही बने और बेटियों के साथ ही समाज की सेवा का काम करे।
वाकई आज के दौर में इंसान अपने बच्चों को नहीं पाल पाता है, ऐसे में जूली ने 26 बच्चों की परवरिश की उनमें 10 की शादी कर दी, 10 को जॉब पर लगा दिया। 6 बच्चियों वे अभी भी परवरिश कर रही हैं। ये कोई आसान काम नहीं इसके लिए दिल में सेवा भाव का जज्बा चाहिए।