आज का दिन विशेष है वृंदावन के लिए, आज यह के एक ओर कथावाचक, आध्यात्मिक गुरु, समाज सेवक एवं विशेष रूप से वृद्धाश्रम का संचालन जिनके माध्यम से हो रहा है जो की अपने आश्रम पर गौरी गोपाल रसोई के माध्यम से प्रतिदिन 5000 से 10000 लोगों का भरण पोषण कर रहे है,
हम बात कर रहे है, अंतर्राष्ट्रीय भागवत कथा वाचक श्री अनिरुद्धाचर्या जी के बारे मे, उन्हे आज Doctor of Humanity and Spiritual Education की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है, उनके द्वारा समाज को किए गए योगदान जिसमें उनके द्वारा संचालित गौरी गोपाल आश्रम के माध्यम से असह्य, निर्धन, वृद्ध निराश्रित माताओ की सेवा एवं सनातन धाम का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचार करने के लिए ।
आज गौरी गोपाल आश्रम किसी भी पहचान का और भागवत कथा वाचक श्री अनिरुद्धाचर्या जी किसी भी पहचान के मोहताज नहीं है, जो वृंदावन जाते है वे जानते है की गौरी गोपाल आश्रम एवं श्री अनिरुद्धाचर्या जी उनके लिए क्या है वे कई निराश्रित वृद्ध माताओ के पुत्र भी है, आश्रम के व्यवस्थापक भी है, एवं रात्री मे वृंदावन की परिक्रमा करने वालों के भोजन एवं बारिश मे सर पर छत देने वाले पालक भी, वे अपने दीक्षित शिष्यों के गुरु भी है ओर उनके अनुयाइयों के मार्गदर्शक भी, और बहुत लोगों के मोबाईल की रिंगटोन (इतनी कृपा सावरे) के गायक भी।