शतरंज की बिसात पर एक बार फिर भारतीय गौरव चमक उठा है। 18 वर्षीय भारतीय ग्रैंड मास्टर डी. गुकेश ने गुरुवार को सिंगापुर में विश्व शतरंज चैंपियनशिप-2024 में जीत हासिल कर इतिहास रच दिया। सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन डी. गुकेश ने चीन के डिंग लिरेन को हराकर यह खिताब अपने नाम किया। 6.5-6.5 से बराबरी पर, गुकेश ने 14 गेम की श्रृंखला के अंतिम गेम में चीन के मौजूदा चैंपियन डिंग को हराकर यह खिताब जीता।
शतरंज के दिग्गज विश्वनाथन आनंद की करेंगे बराबरी
डी. गुकेश अब भारतीय शतरंज के दिग्गज विश्वनाथन आनंद की बराबरी करेंगे। दरअसल, यह सम्मान पाने वाले वे एकमात्र अन्य भारतीय हैं। गुकेश से पहले विश्वनाथन आनंद 2000-2002, 2007-2013 तक विश्व चैंपियन रहे थे।
विश्वनाथन आनंद के बाद यह खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय बनने पर गुकेश ने कहा, “ग्यारह साल पहले, यह खिताब भारत से छीन लिया गया था (जब आनंद 2013 में मैग्नस कार्लसन से हार गए थे)। जब मैं 2013 में मैच देख रहा था, तो मैं स्टैंड्स (चेन्नई में) में था और ग्लास बॉक्स के अंदर देख रहा था और मैंने सोचा कि एक दिन अंदर होना कितना अच्छा होगा। जब मैग्नस ने जीत हासिल की, तो मैंने सोचा कि मैं वास्तव में भारत को खिताब वापस लाने वाला व्यक्ति बनना चाहता हूं और यह सपना, जो मैंने 10 साल से भी पहले देखा था, मेरे जीवन की अब तक की सबसे महत्वपूर्ण चीज है। शायद अपने लिए, अपने प्रियजनों और अपने देश के लिए ऐसा करने से बेहतर कुछ नहीं है।”
सिर्फ 4 साल में डी गुकेश को बनाया विश्व विजेता
वाकयी डी. गुकेश की यह जीत देश के शतरंज खिलाड़ियों के लिए प्रभुत्व के एक नए युग की शुरुआत करेगी और महान विश्वनाथन आनंद की बेजोड़ विरासत को और भी आगे ले जाएगी। बताना चाहेंगे विश्वनाथन आनंद ने चेन्नई में अपनी शतरंज अकादमी में डी. गुकेश को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और चार साल में ही उन्हें विश्व चैंपियन बना दिया।
ड्रॉ की ओर जा रहे मैच को ऐसे जीता
गुकेश ने ड्रॉ की ओर जा रहे मैच के 14वें और अंतिम क्लासिकल गेम में 55वें मूव, Rf2 पर मौजूदा विश्व चैंपियन चीन के डिंग लिरेन द्वारा की गई गलती के बाद यह उपलब्धि हासिल की। इसे लेकर गुकेश ने कहा, “वास्तव में, जब उन्होंने Rf2 खेला, तो मुझे एहसास नहीं हुआ, मैं लगभग Rb3 खेलने जा रहा था, लेकिन फिर मैंने देखा कि उनका बिशप वास्तव में फंस गया है और Ke1 के बाद, मेरे पास Ke5 है और प्यादा अंत है जो जीत रहा है। जब मुझे एहसास हुआ, तो यह शायद मेरे जीवन का सबसे अच्छा क्षण था।”
चेन्नई में जन्मे ग्रैंडमास्टर की मानसिक दृढ़ता और उनकी उम्र से परे समझदारी उनका कॉलिंग कार्ड रही है। उनकी लगातार उन्नति उनके समर्पण के कारण थी और उनके गौरव की ओर बढ़ने में उनके सेकेंडों द्वारा किए गए काम ने मदद की – गुकेश ने मैच के बाद ही उनके नाम बताए – इसके अलावा जीएम आनंद की वेस्टब्रिज आनंद शतरंज अकादमी द्वारा मार्गदर्शन भी मिला। बोर्ड पर चालों की गहराई से गणना करने की सहज क्षमता पर निर्मित उनके बहुमुखी खेल ने उन्हें अपने अधिक अनुभवी प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ अच्छी स्थिति में रखा।
विश्व शतरंज के शीर्ष सोपानों पर युवा भारतीय प्रतिभाओं का उदय
उल्लेखनीय है कि हाल के वर्षों में विश्व शतरंज के शीर्ष सोपानों पर युवा भारतीय प्रतिभाओं का उदय – हमवतन जीएम अर्जुन एरिगैसी और आर. प्रज्ञानंदधा गुकेश के साथ शीर्ष 15 में हैं – शतरंज में एक और भारतीय विश्व चैंपियन की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। युवाओं ने एक-दूसरे को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया है।
माता-पिता ने किया सपोर्ट
कहावत है… “लीक छोड़ कर तीन चले, शायर सिंह सपूत” लीक पर चलने वाले तो अब भी दाल रोटी की व्यवस्था में लगे रह जाते हैं। राजा वही बनता है, जो रिस्क लेता है। शायद यह गुकेश के माता-पिता ने भांप लिया था तभी दम्पत्ति ने अपने सपूत को सपोर्ट करते हुए यह बिग रिस्क लिया।
जी हां, पिता पेशे से एक बड़े डॉक्टर थे, माता भी डॉक्टर। समाज में ऐसे कई दम्पत्ति बच्चे के जन्म के पहले ही तय कर देते हैं कि बच्चा डॉक्टर बनेगा। पर उस पिता ने रिस्क लिया। बच्चे को शतरंज खेलना अच्छा लगता था तो उसके जिम्मे केवल शतरंज खेलने का ही काम रहने दिया और इसी का परिणाम है कि आज शतरंज की बिसात पर वह बच्चा भारतीय गौरव बन चमका उठा है।
सबसे युवा विश्व शतरंज चैंपियन बने डी. गुकेश
ध्यान देने योग्य है कि डी. गुकेश 18 वर्ष 8 महीने 14 दिन में विश्व शतरंज चैंपियन बने, जबकि गैरी कास्परोव ने 9 नवंबर, 1985 को 22 वर्ष 6 महीने 27 दिन में यह उपलब्धि हासिल की थी, इस सूची में तीसरे नंबर पर मैग्नस कार्लसन हैं, जिन्होंने 23 नवंबर, 2013 को 22 वर्ष 11 महीने 24 दिन में विश्व चैंपियन का ताज पहना था। इस सूची में नंबर चार पर मिखाइल ताल ( 23 वर्ष 5 महीने 28 दिन – 7 मई, 1960), पांचवें स्थान पर अनातोली कार्पोव (23 वर्ष 10 महीने 11 दिन – 3 अप्रैल, 1975), छठे स्थान पर व्लादिमीर क्रैमनिक (25 वर्ष 4 महीने 10 दिन – 4 नवंबर, 2000) और सातवें स्थान पर इमानुएल लास्कर (25 वर्ष 5 महीने 2 दिन – 26 मई, 1894) हैं।
विश्व शतरंज चैंपियनशिप 2024 के परिणामों की पूरी सूची-
गेम 1 – 25 नवंबर, 2024 – डिंग लिरेन ने गुकेश को हराया
गेम 2 – 26 नवंबर, 2024 – राउंड ड्रॉ में समाप्त हुआ
गेम 3 – 27 नवंबर, 2024 – गुकेश ने डिंग लिरेन को हराया
गेम 4 – 29 नवंबर, 2024 – राउंड ड्रॉ में समाप्त हुआ
गेम 5 – 30 नवंबर, 2024 – राउंड ड्रॉ में समाप्त हुआ
गेम 6 – 1 दिसंबर, 2024 – राउंड ड्रॉ में समाप्त हुआ
गेम 7 – 3 दिसंबर, 2024 – राउंड ड्रॉ में समाप्त हुआ
गेम 8 – 4 दिसंबर, 2024 – राउंड ड्रॉ में समाप्त हुआ
गेम 9 – 5 दिसंबर, 2024 – राउंड ड्रॉ में समाप्त हुआ
गेम 10 – 7 दिसंबर, 2024 – राउंड ड्रॉ में समाप्त हुआ
गेम 11 – 8 दिसंबर, 2024 – गुकेश ने डिंग लिरेन को हराया
गेम 12 – 9 दिसंबर, 2024 – डिंग लिरेन ने गुकेश को हराया
गेम 13 – 11 दिसंबर, 2024 – राउंड ड्रॉ पर समाप्त हुआ
गेम 14 – 12 दिसंबर, 2024 – गुकेश ने डिंग लिरेन को हराया।