इंटरनेशनल यूथ डे युवाओं के योगदान का जश्न मनाता है। इस खास मौके पर, एण्डटीवी के कलाकारों ने पुराने दिनों को याद करते हुए उन बेहद महत्वपूर्ण व्यक्तिगत फैसलों के बारे में बताया, जो उन्होंने अपनी युवावस्था में लिये थे। इन कलाकारों में शामिल हैं – स्मिता सेबल (‘भीमा‘ की धनिया), आशुतोष कुलकर्णी (‘अटल‘ की कृष्णा बिहारी वाजपेयी), हिमानी शिवपुरी (‘हप्पू की उलटल पलटन‘ की कटोरी अम्मा) और आसिफ शेख (‘भाबीजी घर पर हैं‘ के विभूति नारायण मिश्रा)। एण्डटीवी के आगामी शो ‘भीमा‘ में धनिया का किरदार निभा रहीं स्मिता सेबल ने कहा, ‘‘20-21 साल की उम्र में ही शादी कर लेना, जब मैंने बतौर ऐक्टर अपने कॅरियर की शुरूआत भी की थी, मेरी जिंदगी के सबसे अहम फैसलों में से एक था। कई लोगों ने मुझसे पूछा कि अपने ऐक्टिंग कॅरियर की शुरूआत में ही मैंने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया। मेरा जवाब बिल्कुल सीधा था: मेरे लिए प्यार और परिवार उतने ही महत्वपूर्ण थे, जितनी मेरी पेशेवर आकांक्षाएँ।
इतनी कम उम्र में अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल जिंदगी को बैंलेंस करना वाकई में एक चुनौतीपूर्ण काम था। कई बार मुझे शूटिंग शेड्यूल्स और फैमिली कमिटमेंट्स के बीच संघर्ष करना पड़ा, लेकिन मैंने कभी भी इसे एक बोझ के रूप में नहीं देखा। सच कहूं तो, इससे मुझे मजबूती और प्रेरणा मिली। मेरा परिवार मेरा सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम बन गया और उन्होंने हर आॅडिशन, देर-रात की शूटिंग के लिये मेरा हौसला बढ़ाया और उन्हीं की बदौलत मैंने कई उपलब्धियां हासिल कीं।‘‘ आशुतोष कुलकर्णी ऊर्फ ‘अटल‘ के कृष्ण बिहारी वाजपेयी ने कहा, ‘‘साइंस का एक होनहार स्टूडेंट होने के नाते, मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरा भविष्य एक्सपेरिमेंट्स और लैब कोट्स से भी अलग हो सकता है। लेकिन जीवन अपनी गति से चलता है, और कभी-कभी हमारे आस-पास के लोग उस क्षमता को देख लेते हैं जिसे हम आसानी से नहीं पहचान पाते। मेरे प्रोफेसर ने स्कूल नाटकों और स्किट्स में मेरे परफाॅर्मेंस में एक चमक देखी, एक ऐसा जुनून जो विज्ञान के फाॅर्मूलों और सिद्धांतों से परे था। मुझे आज भी याद है, जब मेरे काॅलेज प्रोफेसर ने मेरे मम्मी-पापा को एक मीटिंग के लिये बुलाया था। उन्होंने उनसे कहा कि मुझमें अभिनय की खास क्षमतायें हैं और यदि मैं इसे प्रोफेशनल तौर पर अपनाता हूं, तो कमाल कर सकता हूं। यह एक मुश्किल फैसला था। विज्ञान का क्षेत्र हमेशा से ही सुरक्षित एवं सम्मानित रहा है, लेकिन अभिनय के क्षेत्र में अनिश्चितायें थी और इसके बारे में कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता था। लेकिन मेरे माता-पिता के अडिग सपोर्ट और अपने प्रोफेसर के प्रोत्साहन की बदौलत मैंने यह महत्वपूर्ण फैसला लिया। अपना ध्यान साइंस से हटाकर ऐक्टिंग पर लगाना आसान नहीं था, लेकिन मैं ड्रामा में जितना डूबता चला गया, मुझे उतना ही अहसास होता गया कि मुझे इससे कितना प्यार है। ऐक्टिंग ने मुझे जिंदगी और अपने बारे में इतना कुछ सिखाया है, जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। हर आॅडिशन, रोल और परफाॅर्मेंस अपने उस सपने को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसके बारे में मुझे कभी भी पता भी नहीं था।‘‘
हिमानी शिवपुरी ऊर्फ ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कटोरी अम्मा ने कहा, ‘‘मेरे पापा एक जाने-माने ब्याॅज स्कूल में संस्कृत और हिन्दी पढ़ाते थे। मुझे उस स्कूल में पढ़ने की अनुमति दी गई थी, क्योंकि मैं एक टीचर की बेटी थी। आप कल्पना कर सकते हैं कि मेरी युवावस्था कितनी अनोखी थी, क्योंकि लड़कों के स्कूल में मैं एकमात्र लड़की थी। शुरूआत में उनके बीच रहना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन धीरे-धीरे मैंने अपनी जगह बना ली। मैं पढ़ाई में बहुत अच्छी थी और कई बाधाओं का सामना करने के बावजूद ड्रामा में अपना कॅरियर बनाने का दृढ़ निश्चय कर चुकी थी। नेशनल स्कूल आॅफ ड्रामा से ग्रेजुएशन करने के बाद, मैंने थोड़े समय के लिये एनएसडी रेपरेटरी कंपनी के लिये भी काम किया और उसके बाद ऐक्टिंग में कॅरियर बनाने के लिये मुंबई आ गई। यह मेरी जिंदगी का सबसे साहसिक और सर्वश्रेष्ठ फैसला था। शैक्षणिक पृष्ठभूमि से होने के कारण यह आसान नहीं था, लेकिन मेरी युवावस्था का समय एक महत्वपूर्ण और समृद्ध करने वाला दौर था। उसी समय मैंने अपनी सहनशीलता और साहस को पहचाना। मैं हर युवा से यह आग्रह करती हूं कि वे अपनी आंतरिक शक्तियों को पहचानें और अपने सपनों को पूरा करने के लिये अडिग रहें। मेरी तरफ से सभी को एक शानदार युवा दिवस की शुभकामनाएँ! आसिफ शेख ऊर्फ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के विभूति नारायण मिश्रा ने कहा, ‘‘मुझे याद है कि अपनी युवावस्था के दौरान क्रिकेट और ऐक्टिंग के अपने दोहरे लक्ष्यों को पूरा करने के लिये मैं कितनी कड़ी मेहनत करता था। मेरे परिवार के कई लोगों ने मेरे कॅरियर च्वाॅइसेज का विरोध किया था, लेकिन मेरा इरादा पक्का था और मुझे पता था कि मुझे जिंदगी से क्या चाहिये ।मैं तभी से ऐक्टिंग और क्रिकेट दोनों पर ही फोकस्ड रहा हूं और आज भी ये दोनों मेरा जुनून हैं। वह एक बेहद तनावपूर्ण समय था, जो चुनौतियों और मतभेदों से भरा था। मेरी जिंदगी का वह समय मेरे विकास के लिये महत्वपूर्ण था और उस दौरान अनिश्चितता से भरे कई पल आये, जब ऐसा लगा कि सबकुछ बिखर गया है। मेरी युवावस्था ने मुझे जिंदगी और वास्तविकता के बारे में महत्वपूर्ण पाठ सिखाया। इस समय का बुद्धिमानीपूर्वक इस्तेमाल करना सम्पूर्ण विकास के लिये बहुत जरूरी है। इस वल्र्ड यूथ डे पर मैं सभी युवाओं को सुझाव देना चाहूंगा कि इस दौर का आनंद उठायें, लेकिन अपने लक्ष्यों पर से ध्यान नहीं भटकने दें।‘‘
अपने पसंदीदा कलाकारों को देखिये ‘अटल‘ में रात 8ः00 बजे, ‘भीमा‘ में रात 8ः30 बजे, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में रात 10ः00 बजे और
‘भाबीजी घर पर हैं‘ में रात 10ः30 बजे, हर सोमवार से शुक्रवार,
सिर्फ एण्डटीवी पर!