नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के बाद दुनिया भर में चर्चा में आया लक्षद्वीप अब देश के एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होगा। बजट में गुरुवार को सरकार ने इसके विकास के लिए नई परियोजनाओं को शुरु करने का ऐलान किया गया है। जिसमें पूरे द्वीप समूह में पत्तन संपर्क, पर्यटन इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यटकों से जुड़ी सुख-सुविधाओं का विकास शामिल है। सरकार का मानना है इससे न सिर्फ रोजगार बढ़ेगा बल्कि देश के सबसे छोटे केंद्रशासित प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी मजूबती मिलेगी।
लक्षद्वीप सहित सभी द्वीप समूहों के लिए नई परियोजनाओं का एलान
समुद्र से घिरे लक्षद्वीप का कुल क्षेत्रफल 32 वर्ग किमी है। जहां छोटे-छोटे कई द्वीप समूह है, जो पर्यटकों को खूब भाते है। पर्यटन विकास का रोजगार के साथ सीधे जुड़ाव को देखते हुए सरकार ने सभी प्रमुख पर्यटन केंद्रों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से भी लैस करने का फैसला लिया है। इनमें आध्यात्मिक तीर्थाटन भी शामिल है। जिसमें पिछले सालों में बड़ा रुझान देखने को मिल रहा है।
आध्यात्मिक तीर्थाटन को बढ़ावा देने का एलान
काशी विश्वनाथ के बाद अयोध्या अब देश के एक बड़े आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में सामने आया है। जहां श्रीराम मंदिर के दर्शन के लिए हर दिन तीन से चार लाख लोग पहुंच रहे है। इसके साथ ही सरकार ने सभी राज्यों के प्रमुख पर्यटन केंद्रों की न सिर्फ वैश्विक स्तर पर ब्रांडिंग करने का फैसला लिया है बल्कि उनकी सुविधाओं और सेवाओं की गुणवत्ता की रेटिंग भी की जाएगी। इसके लिए जल्द ही फ्रेमवर्क तैयार करने का भी ऐलान किया है।
प्रमुख पर्यटन केंद्रों के विकास व ब्रांडिंग का फैसला
इतना ही नहीं, राज्यों को अपने प्रमुख पर्यटन केंद्रों पर सुविधाओं को जुटाने के लिए ब्याज मुक्त दीर्घावधि ऋण भी दिया जाएगा। वैसे भी जी-20 की देश भर के प्रमुख स्थानों पर हुई बैठकों के बाद वहां घरेलू पर्यटकों के साथ विदेशी पर्यटकों का भी रुझान बढ़ा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में इसका जिक्र भी किया और कहा कि जी- 20 के आयोजन के दौरान भारत ने अपनी विविधता और खूबसूरती को जिस तरीके से प्रस्तुत किया है, उससे वहां घरेलू पर्यटकों के साथ ही विदेशी पर्यटकों की भी आवाजाही बढ़ी है।
विदेशी पर्यटकों को लाने का लक्ष्य
पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2024 में लगभग एक करोड़ विदेशी पर्यटकों को लाने का लक्ष्य रखा है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2023 में देश में करीब 60 लाख विदेशी पर्यटक आए है। इस बीच लक्षद्वीप से जुड़े सरकार के ऐलान को मालदीव के साथ हुए ताजा विवाद से जोड़कर भी देखा जा रहा है। क्योंकि इसके बाद देश से मालदीव जाने वाले लोगों ने लक्षद्वीप को लेकर खोज तेज की है। रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक हर साल औसतन दो लाख से ज्यादा भारतीय पर्यटन के लिए मालदीव जाते थे जिनकी संख्या पिछले कुछ दिनों में तेजी से गिरी है।