ग्वालियर। ग्वालियर पुलिस ने कॉल सेंटर के जरिए विदेशी नागरिकों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है।
माधव नगर स्थित एक होटल के कमरे में कॉल सेंटर संचालित हो रहा था। पुलिस ने छापा मारकर एक महिला सहित 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस गिरफ्त में आए आरोपी ग्वालियर में बैठकर ब्रिटेन, अमेरिका सहित अन्य देशों में रहने वाले नागरिकों को ठगने का काम कर रहे थे। पकड़े गए आरोपी विदेशी नगारिकों को कॉल लगाकर माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का फर्जी एजेंट बनकर ठगते थे।
ग्वालियर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि झांसी रोड के माधव नगर में स्थित एक होटल के द्वितीय मंजिल पर एक कमरे में कुछ लोग कॉल सेंटर चला रहे हैं। ये लोग अंतर्राष्ट्रीय कॉल सेंटर की आड़ में अमेरिका, ब्रिटेन सहित अन्य देशों में रहने वाले नागरिकों को कॉल करके माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का फर्जी एजेंट बनकर कम्प्यूटर में वायरस होने का झांसा देकर धोखाधड़ी कर लाखों रूपए ऐंठ रहे हैं। जिस पर पुलिस टीम होटल के सामने पहुंची। जहां पर होटल का गेट खुलवाया। दूसरी मंजिल पर कमरा नंबर 204 में कुछ लड़के और लड़की लैपटॉप पर काम करते हुए हेडफोन लगाकर अंग्रेजी में रात में बात करते मिले। कमरे में 6 लड़के और एक लड़की लैपटॉप के सामने बैठकर कान में हैडफोन लगाकर एप के माध्यम से अंग्रेजी में बात कर रहे थे। जिन्हें सिपाहियों ने कुर्सी पर बैठे ही पकड़ लिया। पकड़े गए आरोपियों में अभय राजावत, नीतेश कुमार, दीपक थापा, परवेज आलम, श्वेता भारती, राज कैलाशकर, सुरेश वासेल हैं।
पूछताछ में हुआ खुलासा…
कमरे में कॉल सेंटर में काम करने वाले सभी लड़के व लड़की लैपटॉप व मोबाइल पर काम करते हुए मिले, जो लैपटॉप की स्क्रीन के सामने बैठकर अपने कानों में हैडफोन लगाकर एप के माध्यम से कॉलिंग करते पाए गए। लैपटाप के मॉनिटर स्क्रीन पर दर्शाए एप्लीकेशन की स्क्रीन पर कॉल ऑप्शन पर डॉयल, मिस्ड एवं रिसीव्ड कॉल नंबर भारत के न होकर यूएस के, विदेशी इंटरनेशनल नंबर है। काल सेंटर मे काम करते पाए गए लड़के और लड़की से मौके पर प्रारम्भिक पूछताछ की गई, जिसमे खुलासा हुआ कि ये लोग करीब 7 दिन पहले ग्वालियर आए थे और तभी से काम कर रहे हैं। ग्वालियर में काम करने के लिए जगह एवं फर्नीचर का सेटअप मुरैना के संजय भदौरिया ने कराया था और कर्ण ने लैपटॉप, मोबाइल फोन एवं वाईफाई (राउटर) सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उपलब्ध कराए थे।
कॉलिंग के लिए डाटा तथा मोबाइल नंबर मोन्टी सिकरवार और एस. वॉटसन प्रोवाइड कराते थे तथा यूएस एवं भारत के बाहर रहने वाले लोगों से प्राप्त मोबाइल नंबर पर एक कॉलिंग एप के माध्यम से बात करते थे। यह लोग खुद को माइक्रोसाफ्ट कंपनी का एजेंट बताते और कम्प्यूटर में वायरस होने का झांसा देकर गिफ्ट बाउचर (जैसे एप्पल, वालमार्ट, गेमस्टाप, वीजा ) आदि हासिल करते थे।
ऐसे करते थे बातचीत…
पकड़े गए ठग विदेशी लोगों से बात करते समय अपना मूल नाम न बताते हुये विदेश में प्रचलित नाम मिस्टर पॉल (अभय राजावत), मार्टिन (नीतेश), जॉन (सुरेश), रायन (दीपक), सायबर एक्सपर्ट (राज), नैंसी (श्वेता) आदि फर्जी नामों को उपयोग करते हुये बात करते थे। मोन्टी और कर्ण द्वारा सभी को प्रतिमाह 20,000 से 25,000 रुपए सैलरी नगद एवं रहने खाने का खर्चा दिया जाता था तथा जिसके द्वारा जितनी राशि की ठगी की जाती है उसका 5 प्रतिशत अतिरिक्त कमीशन भी दिया जाता है।
यह सामान बरामद…
पुलिस टीम ने होटल के कमरे से लैपटॉप-8, माउस, मोबाइल फोन-15, एक एयरटेल एक्सट्रीम फायबर मॉडम मय एडॉप्टर, कॉलिंग स्क्रिप्ट, डाटा सीट, हैडफोन, टेन्डा कंपनी का एक्सटेन्सन, लेन केबल, पावर एक्सटेन्सन बोर्ड-02, कुर्सियां 07, टेबल 05, रिस्ट वॉच 02 जब्त किए हैं।
गिरफ्तार आरोपियों का ठिकाना
पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों में अभय राजावत पुत्र रणवीर सिंह राजावत उम्र 31 साल निवासी लक्ष्मी मंदिर के सामने थाना ओरछा जिला निवाड़ी, नीतेश कुमार पुत्र राधाकृष्ण प्रसाद उम्र 26 साल निवासी ग्राम कटकुईया थाना कुबेर, जिला कुशीनगर गोरखपुर उ.प्र., दीपक थापा पुत्र सुनील कुमार थापा उम्र 29 साल निवासी शिलोन्ग मेघालय, परवेज आलम पुत्र मकसूद आलम उम्र 22 साल निवासी गोरखपुर उ.प्र., श्वेता भारती पुत्री महेश कुमार उम्र 24 साल निवासी गोरखपुर उ.प्र., राज कैलाशकर पुत्र सरेजराव कैलाशकर उम्र 28 साल निवासी वेस्ट मुम्बई, सुरेश वासेल पुत्र शिबू वासेल उम्र 29 साल निवासी लोअर पलटन बाजार जिला शिलान्ग मेघालय के रहने वाले हैं।