ग्वालियर। आदर्श गौशाला लाल टिपारा मुरार में चल रही नवदिवसीय श्री राम कथा के तीसरे दिन पार्वती चरित्र एवं शिव पार्वती विवाह का वर्णन किया गया। स्वामी प्रेमानंद जी ने बताया तप के बल से असंभव भी संभव हो जाता है। पार्वती ने तप करके शिव जी को प्राप्त किया। भगवान को पाने के लिए कठिन प्रयास को ही तप कहते हैं।
नारद जी जैसे सद्गुरु के मार्गदर्शन से पार्वती ने शिव को प्राप्त किया बिना सद्गुरु के ईश्वर प्राप्ति संभव नहीं। शिवजी बैल पर सवार होकर पार्वती को ब्याहने चले ।धर्म ही बैल है संसार से संबंध जोड़ो लेकिन धर्म को आगे करके जोड़ो। सर्प की माला धारण किए शिवजी चले।
शिवजी बताते हैं कि काल रूपी सर्प से सदा सावधान रहना। संसार से संबंध जोड़ो लेकिन याद रखो कि कल रूपी सर्प तुम्हारे गले में पड़ा है। जो राम को नहीं मानता इसका अर्थ है वह सत्य को नहीं मानता क्योंकि सत्य ही राम है। सत्य के लिए राम ने राज्य छोड़ा, सत्य के लिए सीता को खोया, सत्य के लिए पिता परिवार को खोया। सब खोकर भी सत्य को नहीं खोया। सब खोकर भी सत्य की रक्षा कर लेना तो वह सत्य तुम्हें फिर राज्य आसीन कर देगा। तुम्हारा खोया हुआ सर्वस्व तुम्हें प्राप्त हो जाएगा।
रामकथा मे लगाया गया चिकित्सा शिविर
श्री कृष्णायन देशी गौरक्षाशाला द्वारा आयोजित श्री राम कथा में शासकीय आर्युवेद महाविद्यालय चिकित्सालय द्वारा निशुल्क चिकित्सा स्वास्थ शिविर का आयोजन किया गया। ,जिसमे लगभग 200 से अधिक भक्तजन और गौ सेवको का स्वास्थ परिक्षण कर उन्हे निशुल्क दवा का वितरण किया गया । जिसमे जोड़ो का दर्द, अस्थमा, सर्दी खासी जुखाम बुखार, वात रोग, चर्म रोग, मधुमेह, आदि रोगों का परीक्षण कर निशुल्क दवा दी गई। स्वस्थ शिविर मे डा. के एल शर्मा, डा. उपासना भरद्वाज,डा. पवन शर्मा,डा. नीलेश शर्मा,डा. दिनेश राठौर उपस्थित रहे।