कंपनी द्वारा स्थापित 40 खरीदी केंद्र, जो स्थानीय महिला समूहों द्वारा संचालित किए जाते हैं। खरीफ सीजन में 774 टन बाजरा 2350 से 2455 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से खरीदा। इन केंद्रों का संचालन पूरी तरह से महिला समूहों के नेतृत्व में किया गया। बाजरा खरीदी के बाद बेहतर बाजार मूल्य मिलने पर 712 टन फसल को दूरस्थ मार्केटिंग कंपनी को 6 दिसंबर को रेल प्वाइंट शाखा के माध्यम से भेजा गया। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि को संभव बनाने में कई स्तरों पर तकनीकी और प्रशासनिक सहयोग मिला।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एसआरएलएम), जिला प्रशासन, डीपीएम दिनेश सिंह तोमर और ब्लॉक स्तर के स्टाफ ने योजना के सफल क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाई। तकनीकी सहयोगी संस्था एफडीआरवीसी डॉ. राजीव रंजन और उनकी टीम ने कंपनी को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान किया। चंबल महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी के मुख्य प्रबंधक मनीष ओझा, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स, ब्लॉक स्टाफ ने व्यापार के संचालन और विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस पहल ने 7000 महिला किसानों को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त किया, बल्कि उन्हें बाजार तक सीधी पहुंच दिलाई। सभी खरीदी केंद्र महिला समूहों द्वारा संचालित हैं, जिससे महिलाओं के नेतृत्व कौशल में सुधार हो रहा है। बेहतर कीमतों के लिए दूरस्थ बाजारों तक पहुंच बनाने का यह मॉडल अन्य किसान उत्पादक कंपनियों के लिए एक उदाहरण बन रहा है। चंबल महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी का लक्ष्य भविष्य में अधिक महिलाओं को जोड़कर उनकी आय में वृद्धि करना और नई कृषि आधारित उत्पादों की बाजार में पहचान बनाना है।अधिक जानकारी के लिए चंबल महिला किसान प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड से संपर्क कर सकते हैं।