केंद्र सरकार 1 जनवरी 2025 से ‘वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन’ पहल शुरू करने जा रही है। इसके तहत भारत के 1.8 करोड़ छात्रों और शोधकर्ताओं को दुनिया के टाॅप रिसर्च जर्नल्स तक आसानी से मुफ्त पहुंच मिलेगी। इसका उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले शोध को अधिक से अधिक छात्रों और शोधकर्ताओं तक पहुंचाना है।
हर संस्थान को सभी 13,400 जर्नल्स तक मिलेगी पहुंच
इस पहल के तहत प्रथम चरण में, विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग, चिकित्सा, गणित, प्रबंधन, सामाजिक विज्ञान और मानविकी जैसे विषयों पर आधारित 13,400 से अधिक अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स उपलब्ध कराए जाएंगे। इसमें प्रमुख प्रकाशकों जैसे Elsevier, Springer Nature और Wiley के जर्नल्स को इस कार्यक्रम के तहत शामिल किया गया है। यह पहल 6,380 संस्थानों को लाभ पहुंचाएगी जिनमें 451 राज्य विश्वविद्यालय, 4,864 कॉलेज और 172 राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (जैसे IITs और NITs) शामिल हैं। पहले, संस्थान केवल अपने क्षेत्र से संबंधित सीमित जर्नल्स की सदस्यता ले सकते थे। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव अभय कराडिकर ने बताया कि यह पहल 1 जनवरी को शुरू होगी और तीन साल तक यह सुविधा जारी रहेगी।
दूसरे चरण में, सरकार इस पहल को निजी शैक्षणिक संस्थानों तक भी सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के माध्यम से विस्तारित करने की योजना बना रही है। प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार एके सूद ने कहा कि ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ भारतीय शोधकर्ताओं और छात्रों को सशक्त बनाएगी और उन्हें उच्च गुणवत्ता वाले वैश्विक शोध तक पहुंच देकर शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।