कुल मरीजों में लगभग 5 हजार ऐसे मरीज भी शामिल हैं, जिनका पंजीयन 25 दिसम्बर से पहले हुआ था और उन्होंने सामान्यतौर पर अथवा मौसमी बीमारी की वजह से शिविर में अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराया है। इन मरीजों की संख्या मुख्य डाटा में शामिल नहीं है।
सांसद भारत सिंह की कुशवाह की पहल पर जिला प्रशासन द्वारा नगर निगम , स्वास्थ्य विभाग, रेडक्रोस व अन्य विभागों एवं विशेष रूप से एम्स के सहयोग से नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर के रूप में आयोजित हुए मानव सेवा के इस कुंभ में ग्वालियर चंबल संभाग सहित मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश व राजस्थान के समीपवर्ती लगभग डेढ़ दर्जन जिलों के मरीजों का एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा उपचार किया गया। एम्स भोपाल के 160 चिकित्सकों सहित पैरामेडिकल स्टाफ को मिलाकर 200 लोगों की टीम इलाज करने के लिए आई थी। स्थानीय स्तर पर भी चिकित्सकों, 52 पैरा मेडीकल स्टाफ, 55 डाटा एन्ट्री ऑपरेटर एवं 50 सपोर्ट स्टाफ ने भोपाल एम्स से आए चिकित्सकीय दलों का सहयोग किया।
सांसद कुशवाह एवं कलेक्टर श्रीमती चौहान ने एम्स के प्रति जताई कृतज्ञता
शिविर के आखिरी दिन सांसद श्री भारत सिंह कुशवाह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान एलएनआईपी पहुंची। उन्होंने एम्स के चिकित्सकों व पैरा मेडीकल स्टाफ सहित पूरी टीम के प्रति आभार जताकर कृतज्ञता प्रकट की। साथ ही शिविर में सहयोग देने वाले एनसीसी, स्काउट व गाइड, बिरला नर्सिंग कॉलेज, गूंज, स्पर्श एवं भारतीय परिवार नियोजन संघ सहित अन्य सामाजिक संगठनों के वॉलेंटियर और मीडिया प्रतिनिधियों के प्रति भी आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विवेक कुमार, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू अरुण कुमार, श्री कुमार सत्यम व श्री टी.एन. सिंह सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सचिन श्रीवास्तव सहित जिले के अन्य चिकित्सा अधिकारी मौजूद थे।
20 लाख रुपए कीमत की 148 प्रकार की दवाएं वितरित की गईं
शिविर में नि:शुल्क इलाज व दवायें उपलब्ध कराने के साथ-साथ ईको, अल्ट्रासाउण्ड, ईसीजी व लिवर जाँच सहित अन्य प्रकार की महँगी-महँगी पैथोलॉजिकल जाँचें भी नि:शुल्क की गई। शिविर में 20 लाख रुपए कीमत की 148 प्रकार की दवाएं विभिन्न काउंटर से मरीजों को नि:शुल्क वितरित की गईं।
जांच के लिए 75 प्रकार की छोटी-बड़ी मशीनों का हुआ उपयोग
शिविर में ईको, ईसीजी, सोनोग्राफी, फाईब्रो, बोनडेंसिटी इत्यादि आधुनिक चिकित्सा उपकरण सहित 75 प्रकार की छोटी-बड़ी परीक्षण मशीनों का उपयोग किया गया। साथ ही व्हीलचेयर, स्ट्रेचर, स्वास्थ्य परीक्षण के लिए विशेष टेबल इत्यादि का भी पर्याप्त इंतजाम किया गया था।
एम्स की बनी आईडी, इसी आईडी के आधार पर एम्स में करा सकेंगे इलाज
एम्स के सहयोग से आयोजित हुए इस वृहद शिविर में मौके पर ही मरीजों का इलाज तो किया ही गया, साथ ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों की मेडीकल आईडी भी तैयार की गई हैं। जिन मरीजों का शिविर में ऑपरेशन व इलाज संभव नहीं हुआ है, उनका इलाज इस आईडी के माध्यम से एम्स भोपाल में किया जायेगा। आईडी होने से मरीजों को एम्स में इलाज के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा।
एम्स के इन विभागों के चिकित्सक आए थे इलाज करने
शिविर में एम्स के 22 विभागों के चिकित्सक इलाज कराने के लिए आए थे। इन विभागों में जनरल स्क्रीनिंग ओपीडी (मेडीसिन, सीएफएम व सर्जरी), बर्न प्लास्टिक, कार्डियोलॉजी, सीटीवीएस, डर्माटोलॉजी, डेटिस्ट्री, एंडोक्रिनोलॉजी, गेट्रोएंट्रोलॉजी, हेमोटोलॉजी, पीडियार्टिक सर्जरी, ऑन्कोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, पीडियाट्रिक्स ऑर्थोपेडिक्स, यूरोलॉजी, सायकाट्री, गायनोकॉलोजी, न्यूरो सर्जरी, नेफ्रोलॉजी, ईएनटी, ट्रांसफ्यूजन मेडीसिन, आयुष व डायगनोस्टिक्स (रेडियोडायगनोसिस, ईसीजी व प्वॉइंट ऑफ केयर टेस्टिंग) शामिल हैं।