अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है. राम मंदिर कार्यक्रम से पहले अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करते हुए रामनगरी को एक अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया है. राम मंदिर उद्घाटन के दिन अयोध्या में रहने वाले लोगों को भी शहर में एंट्री लेते वक्त अपना पहचान पत्र दिखाना होगा. इतना ही नहीं मंदिर की सुरक्षा के लिए तीन स्तर का सुरक्षा बल तैनात किया गया है.
स्थानीय लोगों को दिया गया है पहचान पत्र
22 जनवरी को अयोध्या में हजारों लोगों के पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें कई वीआईपी गेस्ट भी मौजूद होंगे. सुरक्षा में किसी भी तरह की खामी न हो, इसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस सहित केंद्रीय एजेंसियां अलर्ट हैं. इसके साथ ही स्थानीय लोगों को पहचान पत्र भी दिया गया है.
अयोध्या का बॉर्डर शनिवार (20 जनवरी) से सील कर दिया गया है और बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है. यातायात को देखते हुए शुक्रवार (19 जनवरी) की रात से ही ट्रैफिक डायवर्जन लागू कर दिया गया है. अमेठी, सुल्तानपुर, गोंडा, लखनऊ, बस्ती से आयोध्या की ओर आने गाड़ियों को अलग-अलग रास्तों से उनके गंतव्य स्थान पर भेजे जाने की तैयारी है.
सीसीटीवी और AI से रखी जाएगी निगरानी
मंदिर की सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और पीएसी को लगाया गया है. यूपी पुलिस ने शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है. इसके अलवा शहर में एआई (AI), सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी रखी जाएगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान के रूप में प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे और राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे. पीएम की सुरक्षा में लगे स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) भी सुरक्षा व्यवस्था में शामिल होंगे. उत्तर प्रदेश पुलिस और पीएसी के 1400 जवानों को मंदिर के ठीक बाहर रेड जोन में तैनात किया जाVu6