संगीत समारोह 28 को
ग्वालियर। शहर की प्रतिष्ठित सांगीतिक संस्थाएं- स्वर संस्कार गुरुकुल एवं रागायन के संयुक्त तत्वावधान में 28 जनवरी रविवार को पूर्वाह्न 11 बजे से लक्ष्मीबाई कॉलोनी स्थित सिद्धपीठ श्री गंगादास जी की बड़ी शाला में एक दिवसीय संगीत समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इससे पूर्व शनिवार को संगीत गुरुकुल के विद्यार्थियों के लिए एक ऑफलाइन और ऑनलाइन संगीत कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। इसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने ग्वालियर घराने की प्रख्यात गायिका स्वर्गीय श्रीमती बौणा सहस्त्रबुद्धे की बंदिशों को सीखा और उनके सौंदर्य बोध को समझा।
स्वर संस्कार संगीत गुरुकुल के गुरु संजय देवले एवं रागायन के अध्यक्ष सिद्धपीठ श्री गंगादास जी की बड़ी शाला के महंत स्वामी रामसेवक दास जी महाराज ने बताया है कि स्वर संस्कार संगीत गुरुकुल और रागायन दोनों ही शहर की ऐसी प्रतिष्ठित सांगीतिक संस्थाएं हैं जो शास्त्रीय संगीत की विरासत से युवा पीढ़ी मंच प्रदान कर रहीं को जोड़ने का काम कर रहीं हैं। दोनों संस्थाएं युवा पीढ़ी को है और उन्हें अपनी कला के प्रदर्शन का मौका भी दे रहीं हैं। स्वर संस्कार का संगीत समारोह एक वार्षिक कार्यक्रम है, जो हर साल आयोजित किया जाता है।
इसी क्रम में 28 जनवरी रविवार को पूर्वाह्न 11 बजे से सिद्धपीठ श्री गंगादास जी की बड़ी शाला लक्ष्मीबाई कॉलोनी में संगीत समारोह का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती एवं दत्त भगवान के पूजन से होगा। इसके बाद स्वर संस्कार संगीत गुरुकुल के चुनिंदा विद्यार्थी खास बदिशों की प्रस्तुति देंगे। समारोह का समापन मुख्य कलाकार और जानी मानी गायिका श्रीमती सुलेखा भट्ट के खयाल गायन से होगा। श्रीमती सुलेखा भट्ट प्रख्यात गायिका स्वर्गीय डॉ. वीणा सहस्त्रबुद्धे की शिष्या हैं। इन प्रस्तुतियों में तबले पर डॉ. मनीष करवड़े, मुकेश- पाल एवं वायलिन पर अंकुर धारकर साज-संगति करेंगे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ग्वालियर के वरिष्ठ संगीत साधक पंडित श्रीराम उमड़ेकर होंगे, जबकि समारोह की अध्यक्षता महंत स्वामी रामसेवकदास जी करेंगे।
इससे पूर्व आज शनिवार को स्वर संस्कार संगीत गुरुकुल द्वारा विद्यार्थियों के लिए एक ऑनलाइन और ऑफलाइन कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की अतिथि गूंज एफएम रेडियो की डायरेक्टर श्रीमती कृति सिंह एवं संपादक अर्पण राऊत ने कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यशाला में श्रीमती सुलेखा भट्ट ने विद्यार्थियों को ग्वालियर घराने की वरिष्ठ संगीत साधिका स्वर्गीय डॉ. वीणा सहस्त्रबुद्धे द्वारा रचित राग भैरव, भूपाल तोड़ी और बागेश्री की बदिशों और उनके सौंदर्यबोध की विस्तार से जानकारी दी। इस कार्यशाला में लगभग 45 विद्यार्थी ऑफलाइन मौजूद रहे जबकि 80 विद्यार्थी देश और दुनिया के अलग अलग शहरों से जुड़े।
समारोह के तहत आज शनिवार की शाम 5 बजे गुरुकुल के विद्यार्थी चुनिंदा बंदिशों की संगीतबद्ध प्रस्तुति देंगे। इस सभा में श्री विवेक जोशी, एवं जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलसचिव अरुण चौहान बतौर अतिथि उपस्थित रहेंगे।