Saturday, February 1, 2025

सेवार्थ पाठशाला में निःशुल्क शिक्षा दे रहीं शिक्षिकाओं का किया सम्मान

ग्वालियर। सेवार्थ जनकल्याण समिति द्वारा संचालित सेवार्थ पाठशाला में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में सेवार्थ पाठशाला की सभी इकाइयों में निःशुल्क शिक्षा दे रही महिला शिक्षकों को सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि पीटीएस एसपी सुमन गुर्जर, विशिष्ट अतिथि डॉक्टर कुसुम सिंघल, पाठशाला की संरक्षक शकुन वैश्य, परिधि, हर्षिता पाठक, पाठशाला के अध्यक्ष ओपी दीक्षित, मोहनलाल अहिरवार, पूर्व सेना अधिकारी मनोज पांडे ,राकेश श्रीवास्तव, डॉक्टर जगमोहन द्विवेदी, अन्य समाजसेवी 15 महिला शिक्षक एवं लगभग 100 छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
इस दौरान श्री दीक्षित ने उपस्थित सभी अतिथियों का आभार के साथ-साथ महिलाओं की समाज एवं परिवार में भूमिका विषय पर अपने विचार रखे। महिला अंतर्राष्ट्रीय दिवस तथा माता पार्वती एवं शिव विवाह के उपलक्ष्य में शिवरात्रि की शुभकामनाएं भी दीं।

श्री दीक्षित ने बताया कि सेवार्थ जन कल्याण समिति ग्वालियर द्वारा ग्वालियर-चंबल संभाग में 12 स्थान पर लगभग 800 बच्चों को विगत 5 वर्ष से निःशुल्क शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया के माध्यम से राष्ट्र का स्वावलंबी और चरित्रवान नागरिक बनाने का प्रयास किया जा रहा है। नैसर्गिक ग्रुप से बेटियां हमारी सामाजिक शैक्षणिक व्यवस्था की अविभाज्य अंग है। 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में लगभग 75 से 100, बाल्यावस्था और किशोर अवस्था की बेटियां तथा उनको पढ़ाने वाली मातृशक्ति शिक्षिकाओं के बीच आप सभी का उद्बोधन बहुत ही प्रेरक है। इस अवसर पर 15 शिक्षिकाओं को जो अवैतनिक रूप से हमारी संस्था पर पढ़ाती हैं, का सम्मान समारोह भी रखा गया है।

पीटीएस पुलिस अधीक्षक सुमन गुर्जर ने बताया कि आप पुल के नीचे पत्थरों पर बैठकर जिस स्थान पर शिक्षा ले रहे हैं वहां पढ़ने से हीन भावना न महसूस करें। जिन विषम परिस्थितियों में हम शिक्षा एवं ज्ञान ग्रहण करते हैं, उतना ही हमारे अंदर ऊर्जा उत्पन्न होती जाती है। उन्होंने अपने उदाहरण में मुरैना के डॉक्टर मनोज शर्मा, डीआईजी मुंबई जिनके ऊपर ट्वेल्थ फेल फिल्म का निर्माण हुआ है का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने किन विषम परिस्थितियों में अपनी शिक्षा एवं उच्च पदों पर पहुंचने के लिए संघर्ष और मेहनत की, वह हम सबके लिए एक बहुत बड़ा उदाहरण है। कोई जरूरी नहीं है कि आप बहुत अच्छे इंग्लिश मीडियम स्कूल से पढ़ें और ऊंचाइयां छुएं। मनोज शर्मा को डॉक्टर जगमोहन द्विवेदी एवं मैंने जितने नजदीक से देखा है और उनकी मेहनत का परिणाम है कि वह आज भारतीय पुलिस सेवा में कितने ऊंचे स्तर पर अधिकारी बन गए हैं। यह उनकी मेहनत का परिणाम है। आप भी मेहनत करें और इसी तरह उच्च पदों पर बैठ समाज और देश की सेवा में अपना योगदान दें।

उन्होंने कहा कि मैं इस पाठशाला से जुड़ गई हूं और आप सभी के लिए निरंतर प्रयास करती रहूंगी। आप लोगों को जीवन में अगर कोई कठिनाई आए तो उसकी मै प्रशासन एवं समाज के सहयोग से मदद कर सकूं, एस प्रयास रहेगा। वहीं डॉक्टर जगमोहन द्विवेदी, शकुन वैश्य, डॉ कुसुम सिंघल ने भी अपने विचार रखे। उपस्थित मातृशक्ति एवं लड़कियों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाओं के साथ बच्चों में स्टेशनरी एवं स्वल्पाहार वितरण के बाद राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।

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