sanjay bhardwaj
बॉलीवुड के शोमैन राज कपूर ने सफलता की बुलंदियों को चूमा है। उन्होंने कई मूवीज में एक्टिंग के साथ-साथ कई फिल्में बनाई भी हैं। वह एक्टर के साथ एक अच्छे फिल्ममेकर भी थे। आज भी उनको टक्कर कोई न दे सका। आज हम उनसे ही जुड़ा एक किस्सा सुनाने जा रहे हैं, जो किन्नरों से जुड़ा है।
बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर और फिल्ममेकर राज कपूर। जिनका जिक्र होते ही उनके काम, उनके गाने और उनकी तस्वीर, या यूं कहें उनसे जुड़ी हर चीज आंखों के सामने बाइस्कोप की फिल्मों की तरह घूमने लगती है। उन्होंने ही सिनेमा की परिभाषा दी। उन्होंने ही मनोरंजन जगत को एक नया आयाम दिया। आज भी लोग उन्हें और उनके काम को याद करते हैं। उनका उदाहरण देते हैं। उनकी फिल्मों के गानों को आज भी कोई कलाकार टक्कर नहीं दे सका है। मगर क्या आप उनके एवरग्रीन गानों का किन्नरों संग कनेक्शन जानते हैं? आइए बताते हैं। फिल्ममेकर राज कपूर की पार्टियां बेहद फेमस हुआ करती थीं। आज भी उसकी चर्चा होती है। बताया जाता है कि उनके सभी पार्टियां सितारों से भरी रहती थी। इतना ही नहीं, स्टूडियो में होने वाली पार्टी में तो किन्नरों को भी बुलाया जाता था। राज कपूर उनके साथ जमकर इस त्योहार को मनाते थे। उनके साथ नाचते-गाते थे। और बात सिर्फ सेलिब्रेशन तक ही सीमित नहीं रहती थी। वह उनसे काम के सिलसिले में सलाह मश्वरा भी किया करते थे।
राज कपूर की होली पार्टी में आते थे किन्नर
बॉलीवुड सेलेब्स में भी होली की धूम देखने को मिलती है, सितारे अपने अपने अंदाज में इस त्योहार को मनाते हैं। वैसे बात होली और बॉलीवुड की हो और कपूर परिवार की होली का जिक्र न हो, ये तो हो ही नहीं सकता है। पृथ्वीराज कपूर से शुरू हुई होली मनाने की परंपरा राज कपूर तक चली थी। ये कहना भी बिल्कुल गलत नहीं होगा कि राज कपूर के जमाने में आरके स्टूडियो की होली का पूरी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री साल भर बेसब्री से इंतजार करती थी।
कपूर परिवार की होली में ढेर सारी मस्ती होती थी। करीब करीब हर बड़ा सितारा वहां उस होली पार्टी में मौजूद होता था। कहा तो ऐसा भी जाता है कि कपूर परिवार की होली खेलने का न्योता जिस भी सितारे को मिलता था, वह बहुत गर्व महसूस किया करता था क्योंकि इससे इंडस्ट्री में उसकी हैसियत का अंदाजा होता था।
क्या आप जानते हैं कि कपूर परिवार की होली में किन्नर भी आया करते थे। फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चैकसे ने बीबीसी को बताया था, ‘सबके चले जाने के बाद शाम को करीब चार बजे राज कपूर से मिलने किन्नर आया करते थे। आरके स्टूडियो में वह लोग उनके सामने रंग उड़ाते, रंग लगाते और उन्हें भी अपने साथ नचवाते। राज कपूर अपनी नई फिल्मों के गीत उन्हें सुनाते और उनकी मंजूरी मिलने के बाद ही उसे फिल्म में रखते।
ऐसा भी कहा जाता है कि राज कपूर अंधविश्वासी थे। वह अपनी फिल्मों के लिए गए गानों को फाइनल खुद नहीं करते थे। बल्कि ये काम वह किन्नरों से करवाते थे। वह पहले उन्हें सुनाते और जब उनकी तरफ से उस पर मुहर लग जाती, तभी उसे मूवीज में इस्तेमाल करते। अगर वो मना कर देते तो वह उस गाने को फौरन रिजेक्ट कर देते थे। फिर चाहे उसे कितने भी बड़े सिंगर ने क्यों न लिखा हो।
किन्नरों को पसंद नहीं आया गाना
ऐसा ही एक वाकया काफी चर्चित है। बताया जाता है कि मंदाकिनी और राजीव कपूर की 1985 में आई फिल्म राम तेरी गंगा मैली हो गई के गाने के साथ ऐसा ही हुआ था। जब इस फिल्म के गानों को किन्नरों को सुनवाया था। और उन्होंने सभी गानों को पास कर दिया था लेकिन एक उन्हें पसंद नहीं आया था। जिसके बाद राज कपूर ने कुछ नहीं सोता और उसे मूवी से हटा दिया। फिर संगीतकार रविंद्र जैन को बुलाया और उनसे एक नए गाने की फरमाइश कर दी।
इस गाने को सुन खुश हुए किन्नर
रविंद्र जैन ने फिर नया गाना बनाया, जो था सुन साहिबा सुन, जिसे किन्नरों ने सुना और वो खुश हो गए। उन्होंने ये भी कहा कि ये गाने सालों तक चलेगा। और ऐसा ही हुआ। जब मूवी रिलीज हुई तो वो सुपरहिट हो गई। उसके बाद इसके गाने भी मानो अमर हो गए। आज भी उसे पसंद किया जाता है। इतना ही नहीं, रविंद्र जैन को फिल्मफेयर भी मिला था। इस गाने को फिर लता मंगेशकर ने गाया था। खैर। बताया जाता है कि ऐसा ही राज कपूर ने कई गानों के साथ किया था। और उनके वो गाने हिट हुए थे। राज कपूर किन्नरों को लकी मानते थे। इसलिए वह ऐसा करते थे। उनके बताए हर काम सफल होते थे।
राज कपूर की पोती व अभिनेत्री करीना कपूर खान ने कहा था, उनके जाने के बाद हमने होली खेलना छोड़ दिया
गौरतलब है कि अब कपूर परिवार उस अंदाज से होली नहीं मनाता है, जैसे मनाया करते थे। इस बारे में राज कपूर की पोती व अभिनेत्री करीना कपूर खान ने कहा था, ‘मैंने सात साल तक अपने दादा जी के साथ होली मनाई लेकिन उनके जाने के बाद हमने होली खेलना छोड़ दिया, उन्होंने होली खेलने का नया अंदाज पेश किया था, लेकिन अब ऐसा कुछ भी नहीं बचा है३अब बस यादें ही रह गई हैं।’