SADAF KHAN
इंदौर। लोकसभा चुनाव आने से पहले कांग्रेस प्रदेश की 29 सीटों पर समर्थन जुटाने के लिए भरसक प्रयत्न कर रही है। प्रदेश की कमान जहां जीतू पटवारी के हाथ में है, वहीं जनता को मन की आवाज सुनाकर राहुल गांधी शनिवार को मध्यप्रदेश में प्रवेश करेंगे। धोलपुर से ग्वालियर-चंबल अंचल से प्रवेश कर रही यह भारत जोड़ो न्याय यात्रा मालवा क्षेत्र से फिर से राजस्थान जाएगी। यात्रा के दौरान आने वाले पड़ाव में मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, देवास, उज्जैन, इंदौर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र आएंगे। इन क्षेत्रों में राहुल गांधी का अलग-अलग समुदाय से संवाद भी है। राहुल अपने मन की अपने ही अंदाज से कहते चले आए हैं और ग्वालियर-चंबल से लेकर मालवा अंचल तक की स्थानीय बोलियां बोलने वाले लोगों के मानस पर यह यात्रा कितना असर डालेगी। यात्रा को लेकर भाजपा के तीर चल रहे हैं और कांग्रेसी नेता बचाव की मुद्रा में नजर आ रहे हैं, यह अभी भविष्य के गर्त में हैं, फिलहाल सबकी नजर राहुल गांधी की न्याय यात्रा पर है।
दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने तमाम दावे किए थे। इन दावों को मध्यप्रदेश की जनता से नकार दिया। चौंकाने वाले परिणाम सामने आने के साथ ही भाजपा जहां 166 सीटों के बहुमत के साथ सत्ता में वापस लौटी, वहीं कांग्रेस का थिंकटैंक यह सोचने पर विवश हो गया कि एंटी इनकमबेंसी होने के बाद भी मतदाता का समर्थन पोलिंग बूथ पर ईवीएम पर वोट के रूप में कन्वर्ट क्यों नहीं हो सका। पार्टी में अंतर्कलह भी लगातार सामने आती रही है। अब कांग्रेसी नेतृत्व सांगठनिक स्तर पर काम करने के साथ-साथ न्याय यात्रा से चमत्कार की उम्मीद लगाए है।
क्या संजीवनी बनेंगे राहुल के बोल ?
न्यायल यात्रा को लेकर प्रदेश अध्यक्ष के अलावा कांग्रेस के केन्द्रीय नेताओं ने भी ग्वालियर में डेरा डाल लिया है। सिरोल क्षेत्र में राहुल के रुकने के लिए तंबू लगाए गए हैं। सभी को उम्मीद है कि राहुल गांधी के वचन आम जन को उत्साहित करेंगे और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संजीवनी प्रदान करेंगे। हालांकि, राहुल के बोल का असर इस पर निर्भर करेगा कि वे कितने आंचलिक हो पाते हैं। कितने आम जन से कनैक्ट हो पाते हैं। कारण यह है कि राष्ट्रीय मुद्दों पर लोगों को खूब सारी जानकारी है और राहुल गांधी के भाषण भी अधिकतर लोगों ने सुने हैं। ग्वालियर में लोगों को उम्मीद रहेगी कि गांधी कुछ नई बात कहें।
आदिवासी वर्ग को लुभाने का प्रयास
भारत जोड़ो न्याय यात्रा के माध्यम से राहुल गांधी को आदिवासियों और आरक्षित वर्ग के बीच ले जाने की प्लानिंग है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने यह प्लान सोची समझी रणनीति के तहत तैयार किया है। ग्वालियर नगर निगम क्षेत्र के सिरोल गांव में लगभग 3 एकड़ खुली भूमि में राहुल का पड़ाव डलवाया जा रहा है। यह क्षेत्र आरक्षित वर्ग की अधिक संख्या वाला क्षेत्र है। इसके बाद शिवपुरी में आदिवासी संवाद होगा। बदनावर में आदिवासी न्याय सभा को संबोधित करेंगे। आठ लोकसभा क्षेत्रों से निकलने वाली यात्रा प्रदेश में समर्थन हासिल करने का संदेश देकर राजस्थान में प्रवेश करेगी।
दोहराए जाएंगे संस्थाओं के दुरुपयोग के आरोप
शुक्रवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता अलका लांबा ने ग्वालियर में पत्रकारों से चर्चा में कहा है कि भाजपा सरकार सीबीआई सहित अन्य शासकीय संस्थाओं का उपयोग विपक्ष को डराने में कर रही है। यह आरोप कांग्रेस लगातार लगाती आ रही है, लेकिन मैदानी स्तर पर कभी मुखर नहीं दिखी। लांबा ने विपक्षी गठबंधन के माध्यम से भाजपा के खिलाफ मजबूती से खड़े होने का दावा भी किया लेकिन यह दावा कितना सफल होगा यह आने वाला समय बताएगा। कारण यह है कि राहुल की यात्रा को भाजपा ने हमलावर रुख अख्त्यिार कर लिया है,भाजपा के तीखे सवालों के जबाव कांग्रेसी नेताओं की ओर से आ रहे हैं, लेकिन यह जवाब भी असरकारक होंगे या नहीं यह भी भविष्य के गर्त में छुपा है। न्याय यात्रा के पोस्टर-बैनर से नेता प्रतिपक्ष के फोटो गायब होने का मामला भी तूल पकड़ गया है। इसको लेकर भी कांग्रेस को तंज झेलने पड़ रहे हैं।
आपकी खबर बहुत अच्छी और तथ्यपरक है।