हर व्यक्ति रोज खुद को आईने में निहारता जरूर है। बाजार में भी आकर्षक डिजाइन व विभिन्न साइज के शीशे उपलब्ध हैं। हम अपनी पसंद के अनुसार साइज व डिजाइन का आईने लेकर आते हैं और घर में अपनी इच्छानुसार लगा देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार आईना लगाने की भी एक निश्चित दिशा और साइज निर्धारित है। इसके विपरीत लगाने पर आपको नकारत्मक परिणाम मिल सकते हैं, तो आइए जानते हैं कि किस दिशा में किस प्रकार का आईना गाना चाहिए, जिसमें आप बेफिक्र होकर खुद को निहार सकते हैं।
1- वास्तु शास्त्र के अनुसार आईना हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में लगाया जाना चाहिए।
2- ध्यान रखें कि शीशा न तो धुंधला हो और न ही कहीं से चटका हो।
3– सकरात्मक ऊर्जा के लिए कभी भी मुख्य दरवाजे पर आईना न लगाएं।
4- बेडरूम में ड्रेसिंग टेबल या आईना लगाना हो तो इस तरह रखें कि शीशे में बेड नजर नहीं आए। यदि जगह एडजस्ट करना संभव नहीं हो तो शीशे को कपड़े से ढांक देें।
5- कभी भी बिना फ्रेम का शीशा नहीं लगाएं।
6- दक्षिण और पश्चिम दिशा में कभी भी आईना नहीं लगाएं, इससे पारिवारिक क्लेश बढ़ता है।
7- कई लोग रसोई में भी आइना लगा देते हैं लेकिन ऐसा करना गलत है। इससे परिवार के सदस्यों को नकारात्मक ऊर्जा प्रभावित कर सकती है।
8- अंडाकार आईना न खरीदें।
9- वास्तु के अनुसार बाथरूम में पूर्व दिशा में वर्गाकार आईना ही लगाएं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। आधार लाइव इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। पाठक अपने स्व विवेक का इस्तेमाल करें।