भोपाल। लेखक लोकेंद्र सिंह की बहुचर्चित पुस्तक हिंदवी स्वराज्य दर्शन की चर्चा का आयोजन 21 फरवरी बुधवार को शाम 6 बजे विश्व संवाद केंद्र के मामाजी माणिकचंद्र वाजपेयी सभागार में होगा। पुस्तक चर्चा के कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत मुक्तिबोध और साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे अपने विचार रखेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्य भारत प्रांत के संघचालक अशोक पांडेय करेंगे। उल्लेखनीय है कि हिंदवी स्वराज्य ऑनलाइन प्लेटफार्म अमेजन पर बेस्ट सेलर में शामिल हो चुकी है। ‘हिंदवी स्वराज्य दर्शनÓ पुस्तक यात्रा लेखन श्रेणी के अंतर्गत सबसे ज्यादा काफी पसंद की जा रही है। पुस्तक का प्रकाशन ‘मंजुल प्रकाशनÓ ने किया है।
शिवाजी के दुर्गों का है पुस्तक में परिचय
प्रकाशित होने के बाद से हिंदवी स्वराज लगातार चर्चा में बनी है। चर्चाओं में आई लोकेंद्र सिंह की इस पुस्तक में ‘हिंदवी स्वराज्य दर्शनÓ यात्रा का वर्णन है। पुस्तक हमें छत्रपति शिवाजी महाराज के दुर्गों का दर्शन कराती है और हिंदवी स्वराज्य की अवधारणा एवं उसके लिए हुए संघर्ष-बलिदान से परिचित कराती है।
इन योद्धाओं की है जानकारी
-पुस्तक में सिंहगढ़ दुर्ग पर नरवीर तानाजी मालूसरे के बलिदान की कहानी, पुरंदर किले में मिर्जाराजा जयसिंह के साथ हुए ऐतिहासिक युद्ध एवं संधि, पुणे के लाल महल में औरंगजेब के मामा शाइस्ता खान पर शिवाजी महाराज की सर्जिकल स्ट्राइक का रोचक वर्णन लेखक ने किया है।
-इसके साथ ही शिवाजी महाराज की राजधानी दुर्ग दुर्गेश्वर रायगढ़ का सौंदर्यपूर्ण वर्णन लेखक ने किया है। छत्रपति के राज्याभिषेक का तो आंखों देखा हाल सुनाने का लेखकीय कर्म का बखूबी निर्वहन किया गया है। इसके साथ ही लेखक ने भारत के ‘स्वÓ के महत्व की ओर भी ध्यान आकर्षित किया है।
-छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित शासन व्यवस्था, जिसे हम हिंदवी स्वराज्य या हिंदू साम्राज्य के नाम से जानते हैं, की सभी व्यवस्थाएं ‘स्वÓ के आधार पर खड़ी थीं। इसलिए हिंदवी स्वराज्य के मूल्य एवं व्यवस्थाएं आज भी प्रासंगिक हैं।