ग्वालियर। मप्र सरकार के निर्देश और हाईकोर्ट की सख्ती का असर अब दिखने लगा है। ग्वालियर में मिलावट पर शिकंजा कसा जा रहा है। शनिवार को शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की 8 से ज्यादा टीमों ने एक साथ छापामार कार्रवाई की, जिसके चलते मिलावटखोरों में हड़कंप मच गया। मसाला फैक्टरी, दूध डेयरी सहित अन्य खाद्य पदार्थ से जुड़े प्रतिष्ठानों पर फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की कार्रवाई देखने मिली।
दरअसल, मध्यप्रदेश में मिलावटखोरी के लिए ग्वालियर-चंबल अंचल बदनाम हो चुका है। मिलावटखोरी को रोकने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अब मध्यप्रदेश सरकार की ओर से ग्वालियर-चंबल अंचल में 8 से ज्यादा सीनियर फूड सेफ्टी अधिकारी भेजे गए हैं जिनके डायरेक्शन में ग्वालियर सहित अंचल के अन्य जिलों में ताबड़तोड़ कार्रवाई देखने मिल रही है।
शनिवार को फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की 8 से ज्यादा टीमों ने ग्वालियर के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में एक साथ रेड मारी। फूड सेफ्टी की टीम को देख कई दूध डेयरी संचालक दुकानों पर ताला डालकर फरार हो गए ,वहीं बहोड़ापुर इलाके में गायत्री डेयरी और महालक्ष्मी डेयरी पर फ़ूड सेफ्टी अधिकारीयो ने मिलावट की आशंकाओं के चलते दूध, दही, पनीर और मावा के सैंपल लिये। साथ ही मुरार क्षेत्र के रिसाला बाजार में भी मां वैष्णो देवी मसाला पिसाई केंद्र पर छापा मारा।
मौके से हानिकारक कलर के डब्बे सहित मसाले में मिलावट के लिए रखा पिसा हुआ चावल भी पुलिस ने पाया। मौके पर 1034 किलो तैयार मसाला भी डिपार्टमेंट की टीम ने जब्त किया। मिलावटखोरी पर शिकंजा कसने के लिए फूड सेफ्टी अधिकारियों की टीम लगातार कार्रवाई जारी रखने की बात कर रही है।