श्योपुर। जनसुनवाई में नाना-नानी के साथ पहुंचे बच्चों को कलेक्टर संजय कुमार ने गुरुवार तक पैतृक संपत्ति में हक दिलवाने की कार्रवाई पूरी कराई। इसके साथ ही पारिवारिक संपत्ति में से 35 लाख रुपए की एफडी करवाकर जीवन यापन की व्यवस्था कराई है। इसके साथ ही तीन मंजिला घर भी वापस दिलवाया। कलेक्टर की इस कार्यशैली और मानवीय दृष्टिकोण को प्रमुखता देने की जिले में प्रशंसा हो रही है। सोईंकलां गांव के इन बच्चों का भविष्य सुरक्षित होने से गांव में भी खुशी का माहौल है।
दरअसल, मंगलवार को कलेक्टर जनसुनवाई में बच्चे नाना-नानी के साथ पहुंचे थे। नाना-नानी ने कलेक्टर को बताया कि उनके बेटी-दामाद सीमा गौड़ एवं सूरज गौड़ की मृत्यु हो चुकी है। उनके 7 से 9 वर्ष के बच्चे अनुष्का, आरुषि एवं अनुभव गौड़ हैं। बेटी एवं दामाद की मृत्यु के बाद पूरी पैतृक संपत्ति पर बच्चों के चाचा रवि गौड़ ने कब्जा कर लिया। चाचा वर्तमान में ग्वालियर रहता है और बच्चे नाना-नानी के पास सोई कलां गांव में रहते हैं।
पेशी में सख्ती हुई कारगर
कलेक्टर ने बच्चों के चाचा रवि गौड को जनसुनवाई के दौरान ही फोन लगाकर फटकार लगाई थी। इसके साथ ही बुधवार को कार्यालय में पेश होने का आदेश दिया। चाचा रवि गौड जब कलेक्टर कार्यालय पहुंचा तो बच्चों एवं नाना-नानी को भी बुलवाया गया। इसके बाद चाचा द्वारा बेची गई पैतृक संपत्ति में से बच्चों के हिस्से में आ रहे 35 लाख रुपए की एफडी बैंक में कराई। साथ ही श्योपुर के केशव नगर में स्थित तीन मंजिला मकान भी विधिवत तरीके से नोटरी अनुबंध करवाकर बच्चों के पक्ष में सुपुर्द कराया गया।