पुरी शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाभाग द्वारा स्थापित आदित्य वाहिनी ग्वालियर शाखा द्वारा युवक एवं युवतियों को आत्मरक्षा के लिए कलारिपयट्टू का प्रशिक्षण दिया गया। शंकराचार्य जी के आदेशानुसार प्रत्येक व्यक्ति अपने साथ दस अन्य लोगों की रक्षा करने में सक्षम होना चाहिए इसी का पालन करते हुए आदित्य वाहिनी ग्वालियर द्वारा श्री सिद्ध पीठ गंगादास जी की बड़ी शाला पर आत्मरक्षा प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। कलरीप्पयट्टू प्रशिक्षक विशाल सिंह ने बताया कि यह विश्व का प्राचीनतम भारतीय मार्शल आर्ट है एवं समस्त मार्शल आर्ट का जनक है। इसके प्रवर्तक भगवान शंकर ने इस विद्या को भगवान परशुराम को दिया जिन्होंने अपने 21 शिष्यों के माध्यम से इसका विस्तार किया। 1500 वर्ष पहले पल्लव राजकुमार बोधिधर्मन कलारीपट्टू के योद्धा थे जिन्होंने भारत से चीन जाकर प्रसिद्ध शाओलिन टेंपल की स्थापना की एवं उन्हें कुंगफू का जनक भी माना जाता है।
युवाओं में इस अवसर पर अतिउत्साह देखा गया। पूरन वैराठी पीठाधीश्वर रामसेवक दास महराज ने इस अवसर पर सभी को आशीर्वाद दिया एवं इस कार्य की सराहना की।
कार्यक्रम में आदित्य वाहिनी ग्वालियर प्रमुख एड० आलेख शर्मा, डॉ वैभव शुक्ला, संजना शर्मा, हार्दिक, रीना सक्सेना, पावनी सक्सेना, अंकित पाल, महेंद्र मिश्रा, आकाश सिंह, गोपाल सिंह, जतिन कुमार, हेमंत कुमार, शिवम पचौरी आदि उपस्थित रहे।