ग्वालियर : जिले में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को मछली पालन गतिविधियों के जरिए आय के अतिरिक्त साधन मुहैया कराए जा रहे हैं। जिले के इन समूहों को मनरेगा (महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत निर्मित तालाबों को मछली पालन के लिये पट्टे पर दिया गया है। साथ ही इन समूहों के कृषक सदस्यों को मछली पालन व्यवसाय की बारीकियां सिखाने के लिये दूसरे जिले के उत्कृष्ट मछली पालन जलाशयों का भ्रमण भी कराया जा रहा है। इस क्रम में जिले के स्व-सहायता समूहों से जुड़े आठ सदस्यों एवं 23 किसानों को शिवपुरी जिले के बैराड़ विकासखंड में स्थित पछीपुरा जलाशय का भ्रमण कराया गया।
पछीपुरा जलाशय के भ्रमण के दौरान जिले के कृषकों को खासतौर पर मछली पालन से संबंधित केज कल्चर तकनीक की जानकारी दिलाई गई। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विवेक कुमार सिंह, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला परियोजना प्रबंधक श्री विनीत गुप्ता एवं उप संचालक मत्स्य पालन श्री पी सी कॉल सहित अन्य संबंधित अधिकारी भी जिले के कृषकों के दल के साथ भ्रमण पर गए थे।
ग्वालियर जिले के स्व-सहायता समूहों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ग्रामीण अंचल के ऐसे तालाबों को मछली पालन के लिये पट्टे पर दिया जा रहा है, जिनमें वर्ष भर पानी रहता है। इस क्रम में विकासखण्ड भितरवार के ग्राम पलायछा व मुरार विकासखंड के ग्राम टिहौली व जखारा एवं घाटीगाँव विकासखंड के ग्राम दौरार में स्थित तालाब में मछली पालन का कार्य शुरू कराया जा चुका है। साथ ही जिले के अन्य तालाबों को भी मछली पालन के लिए स्व-सहायता समूहों को पट्टे पर देने की कार्यवाही जारी है