गीता पूजन व गीता पर व्याख्यान के साथ हुआ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
संत महात्माओं और गौ सेवकों को किया गया सम्मानित
महापौर डॉ. शोभा सिकरवार, संतजन, जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं बड़ी संख्या में नागरिक व विद्यार्थी हुए शामिल
रानीघाटी गौशाला सहित जिले के अन्य विकासखंडों में भी समारोहपूर्वक मनी गीता जयंती
ग्वालियर : गीता में वर्णित कर्म योग व ज्ञान के महत्व को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से ग्वालियर जिले में भी “अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव” के तहत जगह-जगह गीता जयंती मनाई गई। गीता जयंती के उपलक्ष्य में आदर्श गौशाला लाल टिपारा में जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिला प्रशासन एवं नगर निगम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में गीता पूजन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इसके पश्चात संत महात्माओं की उपस्थिति में गीता पाठ, भगवान श्रीकृष्ण पर केन्द्रित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं संत महात्माओं व गौ सेवकों को सम्मानित किया गया। महापौर डॉ. शोभा सिकरवार इस कार्यक्रम की विशेष रूप से साक्षी बनी।
लाल टिपारा गौशाला में गीता महोत्सव के उपलक्ष्य में गीता जयंती पर आयोजित हुए जिला स्तरीय कार्यक्रम में गौशाला के संत श्री ऋषभ देवानंद जी महाराज, संत कृपाल सिंह महाराज, स्वामी समर्थ तीर्थ महाराज, स्वामी हरी ज्ञानानंद जी महाराज, स्वामी श्याम दास जी महाराज, स्वामी कृष्णानंद जी महाराज, स्वामी सुरेश दास जी महाराज व स्वामी अशोक दास जी महाराज शामिल हुए। साथ ही मेयर इन काउंसिल सदस्य श्रीमती गायत्री मंडेलिया, पार्षदगण श्री अंकित कठ्ठल, श्री प्रमोद खरे, श्री सुरेन्द्र साहू व श्री भूपेन्द्र कुशवाह, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजू अरूण कुमार व नगर निगम आयुक्त श्री अमन वैष्णव सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं बडी संख्या में शहर के नागरिकगण एवं स्कूली छात्र-छात्रायें इस पुनीत आयोजन में शामिल हुए।
गीता को आत्मसात करने से दुखों का अंत होता है – महापौर डॉ. सिकरवार
महापौर डॉ. शोभा सतीश सिकरवार ने गीता जयंती पर आयोजित हुए जिला स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश की युवा पीढी को हमारे सनातन प्राचीन ग्रंथों का ज्ञान होना आवश्यक है। यदि हम सही मायने में गीता को आत्मसात कर लें तो जीवन के सभी दुखों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। गीता जयंती जैसे आयोजन ज्ञान एवं संस्कार देने वाले होते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम लगातार होते रहना चाहिए।
विद्वजनों संतगणों की उपस्थिति में किया गीता पाठ
गीता जयंती पर आयोजित हुए इस कार्यक्रम का शुभारंभ गीता पूजन के साथ हुआ। इसके उपरांत डॉ. ओमप्रकाश पटसारिया सहित अन्य विद्वजनों ने गीता के प्रमुख अध्यायों का वाचन किया। साथ ही गीता पर सारगर्भित उदबोधन दिया। इस अवसर पर इस्कॉन के कृष्ण भक्तों एवं संतजनों द्वारा भी गीता पर व्याख्यान दिए गए। इसी क्रम में श्री श्याम बिहारी ओझा ने गीता में वर्णित कर्मयोग पर सारगर्भित उदबोधन देकर गीता के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि गीता के कर्मयोग को अपनी दिनचर्या में शामिल कर हम जीवन के तमाम दुखों से पार पा सकते हैं।
नन्हीं बालिका गौरांगी ने किया मनमोहक कथक नृत्य, अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी हुईं
लाल टिपारा गौशाला में गीता जयंती पर आयोजित हुए कार्यक्रम में नन्ही-मुन्नी बालिका गौरांगी शर्मा ने भगवान श्रीकृष्ण का बाल रूप धारण कर मनमोहक कथक नृत्य प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में आरकेवीएम स्कूल के बच्चों ने भी भगवान श्रीकृष्ण के जीवन चरित्र पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।
11 संत महात्माओं एवं 21 गौ सेवकों का हुआ सम्मान
गीता जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में महापौर डॉ. शोभा सतीश सिंह सिकरवार एवं अन्य अथितियों द्वारा श्रीमद भगवत गीता का प्रचार प्रसार करने वाले 11 संत महात्माओं का सम्मान किया गया। साथ ही 21 गौ सेवकों को ट्रैकसूट प्रदान कर सम्मानित किया गया।
भोपाल में आयोजित हुए कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी हुआ
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर भोपाल के लाल परेड मैदान में आयोजित हुए प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी लाल टिपारा गौशाला के कार्यक्रम में हुआ। ज्ञात हो भोपाल के कार्यक्रम में “गीता पाठ” का गिनीज विश्व रिकॉर्ड बनाने का अनूठा पावन प्रयास किया गया है। बड़ी एलईडी स्क्रीन पर ग्वालियर जिले के नागरिकों ने भी सीधे प्रसारण के जरिए भोपाल के कार्यक्रम को देखा। साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के उदबोधन को सुना।
जिले के विभिन्न विकासखंडों में भी गीता महोत्सव के तहत हुए आयोजन
गीता जयंती पर ग्वालियर जिले के अन्य विकासखंडों में भी कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी क्रम में रानीघाटी गौशाला में भी कार्यक्रम आयोजित हुआ। जिसमें गीता पर व्याख्यान के साथ-साथ भगवान श्रीकृष्ण व गीता पर केन्द्रित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।