ग्वालियर. एक बार फिर से डिजीटल अरेस्ट का मामला सामने आया है कि इस बार ग्वालियर के समाधिया कॉलोनी के मेडीकल व्यवसाई को ठगों ने डिजीटल अरेस्ट करने का प्रयास किया है। मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर व्यापारी को लगभग 1.30 घंटे तक डिजीटल अरेस्ट कर रखा था। उनके नम्बर का इस्तेमाल गैरकानूनी काम में होने और मनी लॉड्रिंग में उपयोग होने की बात कही है।
धीरे-धीरे व्यवसाई उनके जाल में फंसता जा रहा था। जब व्यवसाई दबाव मेंआ रहा था तभी उसकी 16 वर्षीय बेटी 11वीं की छात्रा वहां पहुंची और पिता को उस वीडियो कॉल से मुक्त कराया। कथित मुंबई क्राइम ब्रांच ने व्यवसाई की बेटी को भी धमकाया।
क्या है घटनाक्रम
शहर के जनकगंज थाना इलाके स्थित तारागंज निवासी 56 वर्षीय प्रकाश पुत्र प्रभाकर करडेकर दवाओं के थोक व्यापारी है और साथ ही उनका मेडीकल स्टोर भी है। मंगलवार की दोपहर वह अपने कमरे में बैठे थे। उसी वक्त उनके मोबाइल पर एक अनजान नम्बर से कॉल आया था। ट्रू कॉलर पर यह नम्बर ट्राई टेलीकॉमस रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया नाम शो कर रहा था। व्यवसाई ने कॉल रिसीव किया तो उसे बताया गया कि यह कॉल ट्राई की तरफ से है। आपका नम्बर कुछ देर में ब्लॉक किया जा रहा है। आपकी सिम बन्द कर दी जायेगी। जब व्यवसाई ने पूछा कि ऐसा क्यों किया जा रहा है।जिस पर उसे बताया कि उसके मोबाइल नम्बर से पोर्नोग्राफी मटेरियल भेजा गया है।
बेटी ने दिखाई समझदारी पिता को कराया मुक्त
मेडिकल व्यवसायी करीब डेढ़ घंटे तक ठगों के चंगुल में रहा। इसी समय उसकी 16 वर्षीय बेटी मृणाल करडेकर स्कूल से घर लौटी। वह 11वीं की छात्रा है। उसने कॉल पर पिता को परेशान देखा तो वह उनके पास पहुंची। यहां ठगों ने उसके बारे में पूछा तो व्यापारी ने बताया बेटी है। ठगों ने डराने का प्रयास किया, लेकिन छात्रा ने बिना डरे जवाब दिए और उनके हर आरोप को नकारा। जब कथित मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने धमकाया तो छात्रा ने कहा कि आप ग्वालियर आकर कार्रवाई करो। हमने कुछ नहीं किया है। छात्रा के तेवर देखते ही ठगों ने कॉल यह कहते हुए कट कर दिया कि लगातार इस मामले में अपनी रिपोर्ट देते रहना।