इस अवसर पर संभाग आयुक्त व कलेक्टर ने आयोजन से जुड़े सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि तानसेन समारोह के शताब्दी वर्ष को ध्यान में रखकर उच्चकोटि की व्यवस्थायें कर इस महोत्सव को भव्य व आकर्षक बनाएं। तानसेन समारोह की सभाओं में आने वाले ब्रम्हनाद के साधकों व रसिकों को यह महसूस होना चाहिए कि हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक आयोजन में मौजूद हैं।
संभाग आयुक्त एवं कलेक्टर ने मुख्य समारोह स्थल तानसेन समाधि परिसर सहित इसके आसपास साफ-सफाई को और बेहतर करने एवं समारोह को ध्यान में रखकर इस क्षेत्र में सफाई की पुख्ता व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा हजीरा स्थित तानसेन समाधि परिसर में आयोजित होने वाले मुख्य समारोह में संगीत रसिकों के लिये बैठने की उत्तम व्यवस्था रहे। मुख्य समारोह के पण्डाल के अलावा सामने की ओर लगाए जाने वाले अतिरिक्त पण्डाल में एलईडी स्क्रीन भी लगवाई जाए, जिससे संगीत रसिकों की संख्या बढ़ने पर स्क्रीन के माध्यम से भी रसिक तानसेन समारोह की सभाओं का आनंद ले सकें।
“गमक” के दिन इंटक मैदान में सब्जी मंडी बंद रखें या दूसरी जगह लगवाएँ
इंटक मैदान पर पर “गमक” आयोजन दिवस को यहाँ पर लगने वाली सब्जी मंडी को सब्जी व्यवसाइयों की सहमति से एक दिन के लिये बंद रखने अथवा किसी दूसरे स्थल पर लगवाने के लिये भी नगर निगम के अधिकारियों से कहा गया। संभाग आयुक्त एवं कलेक्टर ने मुख्य समारोह आयोजन स्थल तानसेन समाधि परिसर एवं इंटक मैदान पर आयोजित होने वाले उप शास्त्रीय संगीत सभा “गमक” में आने वाले संगीत रसिकों के लिये पार्किंग की बेहतर से बेहतर व्यवस्था करें। पार्किंग व्यवस्था ऐसी हो, जिससे रसिक कम से कम दूरी तय कर समारोह स्थल पर पहुँच सकें। साथ ही शहर का यातायात भी बाधित न हो।
सुर सम्राट की जन्मस्थली बेहट के मुक्ताकाश मंच का जायजा भी लिया
संभाग आयुक्त श्री मनोज खत्री एवं कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने मंगलवार को सुर सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट पहुँचकर यहाँ आयोजित होने वाली संगीत सभा की तैयारियां भी देखीं। इस साल के तानसेन समारोह के आखिरी दिन यानि 19 दिसम्बर को प्रात:कालीन सभा बेहट के मुक्ताकाश मंच पर सजेगी। संभाग आयुक्त एवं कलेक्टर ने मुक्ताकाश मंच के आसपास साफ-सफाई व रंगाई-पुताई कराने के निर्देश ग्राम पंचायत के सरपंच व सचिव को दिए। साथ ही झिलमिल नदी के किनारे गान मनीषी तानसेन की साधना स्थली एवं भगवान भोले के मंदिर के आसपास भी साफ-सफाई कर इस परिसर को आकर्षक बनाने के निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर ध्रुपद गुरु श्री अभिजीत सुखदाणे, एसडीएम ग्वालियर ग्रामीण श्री सूर्यकांत त्रिपाठी, जनपद पंचायत के सीईओ, बेहट ग्राम पंचायत के सरपंच व सचिव एवं संस्कृति विभाग के अधिकारी मौजूद थे।
15 से 19 दिसम्बर तक होगा शास्त्रीय संगीत का शीर्षस्थ महोत्सव का आयोजन
भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश व दुनिया का सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन संगीत समारोह” संगीतधानी ग्वालियर में 15 से 19 दिसम्बर तक आयोजित होगा। मुख्य समारोह के एक दिन पहले यानि 14 दिसम्बर को सायंकाल इंटक मैदान में समारोह के तहत पूर्वरंग “गमक” का आयोजन होगा। पूर्व रंग गमक की श्रृंखला में 5 दिसम्बर को रीवा, 6 दिसम्बर को गुना, 7 दिसम्बर को शिवपुरी एवं ओरछा में विशेष संगीत सभायें सजेंगीं। समारोह के तहत 15 दिसम्बर को प्रात:काल तानसेन समाधि पर परंपरागत ढंग से शहनाई वादन, हरिकथा एवं मिलाद गायन होगा। इस दिन सायंकाल औपचारिक रूप से समारोह का शुभारंभ होगा।
मुख्य समारोह में 10 संगीत सभाएँ होंगीं
तानसेन संगीत समारोह में इस साल 10 संगीत सभाएं होंगी। पहली सभा 15 दिसंबर को सायंकाल तानसेन समाधि परिसर में बनाए गए भव्य मंच पर सजेगी। इसके बाद हर दिन यहीं पर प्रातः एवं सायंकालीन सभाएं होंगी। समारोह के तहत 18 दिसम्बर को प्रात:काल 10 बजे से दो संगीत सभायें समानांतर रूप से सजेंगीं। यह सभायें तानसेन समाधि स्थल के मुख्य मंच व मुरैना जिले के सुप्रसिद्ध बटेश्वर मंदिर परिसर में संगीत सभा सजेगी। समारोह के आखिरी दिन यानि 19 दिसंबर को प्रातःकालीन सभा संगीत शिरोमणि तानसेन की जन्मस्थली बेहट में और इस साल के समारोह की अंतिम संगीत सभा सायंकाल गूजरी महल परिसर में सजेगी।