बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप का सामना कर रहे पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को मंगलवार को बड़ा झटका लगा। दरअसल वकीलों ने अदालत में जमानत की सुनवाई के दौरान उनकी तरफ से पेश होने से इनकार कर दिया। सूत्रों के अनुसार चटगांव कोर्ट ने जमानत की सुनवाई 2 जनवरी तक के लिए टाल दी।
अदालत ने चिन्मय कृष्ण दास को जमानत देने से किया इनकार
बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास को ढाका के हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह एक रैली में भाग लेने चटगांव जा रहे थे। पिछले हफ्ते अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और जेल भेज दिया। इस बीच, सोमवार को इस्कॉन ने दावा किया कि राजद्रोह के मामले में चिन्मय कृष्ण प्रभु का बचाव करने वाले वकील रमेन रॉय पर पड़ोसी देश में क्रूर हमला किया गया और अब वह एक अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास के अनुसार, रॉय की एकमात्र ‘गलती’ चिन्मय कृष्ण दास का कोर्ट में बचाव करना था।
चिन्मय कृष्ण प्रभु का कोर्ट में बचाव करना वकील रमेन रॉय को पड़ा महंगा
इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता ने एक्स पर रॉय की आईसीयू में भर्ती तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “कृपया वकील रमेन रॉय के लिए प्रार्थना करें। उनका एकमात्र ‘कसूर’ अदालत में चिन्मय कृष्ण प्रभु का बचाव करना था। कट्टपंथियों ने उनके घर में तोड़फोड़ की और उन पर क्रूरतापूर्वक हमला किया, जिससे वह आईसीयू में भर्ती हो गए और अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।”
बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार पर अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करने का आरोप
दास ने बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा और पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई की अपील की। बता दें बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार पर अल्पसंख्कों के साथ भेदभाव बरतने, उन्हें, उनके घरों और धार्मिक स्थलों को पर्याप्त सुरक्षा न देने के आरोप लगते रहे हैं। इस बीच, विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने अल्पसंख्यकों पर हमलों की घटनाओं को गंभीरता से लिया है और बांग्लादेश के अधिकारियों को अपनी चिंताओं से अवगत करा दिया है।