कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने कहा कि नलजल योजनाओं में सोर्स का चयन ऐसे स्थानों पर किया जाये, जहां पानी की उपलब्धता बारहमासी हो। सीईओ जनपद की उपस्थिति में योजनाओं को पंचायत के हैंडओवर किया जायें तथा यह सुनिश्चित किया जाये कि नलजल योजना का संचालन ठीक तरह से हो रहा है। जलकर बढाने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश देते हुए उन्होने कहा कि समुदाय को इसके प्रति जागरूक किया जाये। उन्होने ग्राम दांतरदा की नलजल योजना को दुरूस्त कर हैंडओवर करने के निर्देश दिये, साथ ही कहा कि जहां-जहां पेयजल टंकी के निर्माण के लिए भूमि की आवश्यकता है, उसके आवंटन के लिए आरसीएमएस पोर्टल पर प्रक्रिया की जाये। उन्होने बताया कि हाल ही में 20 स्थानों पर पानी की टंकियों के लिए भूमि का आवंटन किया गया है।
इस अवसर पर कार्यपालन यंत्री पीएचई शुभम अग्रवाल ने बताया कि जिले के कुल 511 गांव में नलजल योजना का कार्य किया जा रहा है, जिसमें से पीएचई द्वारा एकल योजना के तहत 315 गांव में कार्य संचालित है, जबकि जल निगम 196 ग्रामों में कार्य कर रही है। उन्होने जानकारी दी कि 315 में से 161 गांव में कार्य पूर्ण हो चुका है तथा 146 में कार्य प्रगति पर है।
6 माह में कार्य पूर्ण करने वाली एजेंसी को प्रंशसा पत्र मिलेगा
कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने बैठक के दौरान 6 माह की अवधि में नलजल योजना का कार्य पूर्ण करने के लिए निर्माण एजेंसी के संचालक श्री रामेश्वर रावत को आगामी गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रशंसा पत्र प्रदान कराने के निर्देश ईई पीएचई को दिये गये। उल्लेखनीय है कि श्री रावत द्वारा 9 माह कार्य अवधि की अपेक्षा ग्राम सुनवई में नलजल योजना का कार्य 6 माह में पूर्ण कर लिया गया, योजना का सफल संचालन भी हो रहा है।
सरगडांडा गांव, जहां शत प्रतिशत जलकर की वसूली
पूरे जिले में सरगडांडा गांव एक ऐसा गांव है, जहां शत प्रतिशत जलकर की वसूली हो रही है। जल जीवन मिशन अंतर्गत पेयजल की सुविधा मिलने से उत्साहित इस गांव के लोगों ने नलजल योजना के संचालन का जिम्मा अपने ऊपर लिया है। जिला मुख्यालय से 172 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत गोहटा विकासखण्ड विजयपुर के सरगडांडा गांव में 110 नल के कनेक्शन है, हर घर में नल से जल पहुंचता है और हर महीने सभी गांव वाले जलकर की राशि जमा कर रहे है।