इस कार्यशाला में सुरक्षित नारी सशक्त समाज व अब कोई बहाना नहीं पर आधारित गतिविधियों एवं पीसी-पीएनडीटी एक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। परियोजना अधिकारी डॉ. मनोज कुमार गुप्ता ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान शिशु के लिंग का पता करते हुए पकड़े जाने पर पीसी-पीएनडीटी एक्ट के तहत 3 से 5 वर्ष तक की सजा व 50 हजार से एक लाख रूपये तक के जुर्माना की सजा का प्रावधान किया गया है।
कार्यक्रम में संजीवनी क्लीनिक की मेडिकल ऑफिसर डॉ. गरिमा इंदोलिया द्वारा पीसी-पीएनडीटी एक्ट की विधिक विषय-वस्तु से सभी को अवगत कराया गया। कार्यशाला में परियोजना अधिकारी श्री मनोज कुमार गुप्ता, पर्यवेक्षक श्रीमती साधना शर्मा, पर्यवेक्षक श्रीमती दिव्या चतुर्वेदी, स्थानीय महिलाओं व किशोरी बालिकाओं ने भाग लिया।