ग्वालियर। संगीतधानी ग्वालियर में 6 और 10 दिसम्बर की सर्द सांझ सुरों का संपर्क पाकर शहर की फिजाओं में गर्माहट घोलेंगी। ‘’तानसेन समारोह’’ से पहले इन तिथियों में पूर्वरंग मंगलाचरण स्वरूप “तानसेन स्वर स्मृति” सुर-संगीत की दो बड़ी महफिलें सजेंगीं। संगीत शिरोमणि तानसेन की याद में आयोजित होने वाले शास्त्रीय संगीत के सालाना महोत्सव “तानसेन समारोह” का इस साल शताब्दी वर्ष है। इस बात को ध्यान में रखकर ग्वालियर को संगीतमय बनाने के लिए जिला प्रशासन की पहल पर इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई है। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने रविवार को गूगल मीट के जरिए संबंधित अधिकारियों एवं कला मर्मज्ञों से चर्चा कर इस कार्यक्रम की तैयारियों की एक बार फिर से समीक्षा की ।
‘’तानसेन स्वर स्मृति’’ के तहत 6 दिसम्बर को “ग्वालियर का सांगीतिक वैभव” एवं 10 दिसम्बर को “गालव वाद्यवृंद – सुर ताल समागम” के नाम से संगीत सभाएं सजेंगी। इन इस सभाओं में स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुतियाँ होंगीं। दोनों संगीत सभाओं को सुव्यवस्थित एवं गरिमामयी ढंग से आयोजित करने के लिये गूगल मीट में सार्थक निर्णय लिए गए। शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश भर में ग्वालियर का नाम रोशन करने वाले शहर के मूर्घन्य कलाकारों का सम्मान भी ’तानसेन स्वर स्मृति’’ कार्यक्रम के दौरान किया जाएगा। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने गूगल मीट में कहा कि ’तानसेन स्वर स्मृति’’ के तहत सजने जा रही दोनों संगीत सभाओं में जनप्रतिनिधियों व कलाकारों सहित चिकित्सा, समाजसेवा व शिक्षा तथा अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोगों को सम्मानपूर्वक आमंत्रित करें। साथ ही इस आयोजन में संगीत एवं कला में रूचि रखने वाले महाविद्यालय व विद्यालयों के बच्चों व आचार्यों को भी आमंत्रित करें। संबंधित अधिकारियों से यह भी कहा गया कि संगीत सभाओं के लिए साउंड सिस्टम उच्चकोटि का हो और सभी व्यवस्थाएं गरिमापूर्ण होनी चाहिए।
गूगल मीट में राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो. स्मिता सहस्त्रबुद्धे, स्मार्ट सिटी की सीईओ श्रीमती नीतू माथुर, नगर निगम आयुक्त श्री अमन वैष्णव, भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान के निदेशक श्री आलोक शर्मा, अपर कलेक्टर श्री टी एन सिंह, अन्य संबंधित अधिकारी एवं श्री अशोक आनंद सहित इस आयोजन की व्यवस्थाएं से जुड़े अन्य कला मर्मज्ञ शामिल हुए।
आईआईटीटीएम में सजेगी “ग्वालियर का सांगीतिक वैभव” सभा
तानसेन समारोह के पूर्व रंग कार्यक्रमों की श्रृंखला में 6 दिसम्बर को सायंकाल 5 बजे भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान (आईआईटीटीएम) के ऑडिटोरियम में “ग्वालियर का सांगीतिक वैभव” के नाम से संगीत सभा सजेगी। इस कार्यक्रम की संकल्पना राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय की कुलगुरु प्रो. स्मिता सहस्त्रबुद्धे की है। यह आयोजन ग्वालियर की समृद्ध संगीत विरासत की उत्पत्ति की सम्पूर्ण यात्रा पर केन्द्रित होगा। जिसमें ध्रुपद व ख्याल गायन के साथ लोक गायन की प्रस्तुति भी होगी। कार्यक्रम में राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के आचार्य व विद्यार्थी प्रस्तुतियां देंगे।
महाराज बाड़ा पर होगा “गालव वाद्यवृंद-सुर ताल समागम”
पूर्व रंग कार्यक्रम की विशिष्ट संगीत सभा “गालव वाद्यवृंद – सुर ताल समागम” 10 दिसम्बर को शहर के हृदय स्थल महाराज बाड़े पर सायंकाल 5.30 बजे सजेगी। इस सभा में ग्वालियर घराने के मूर्धन्य संगीत साधक पं. उमेश कम्पूवाले और सुविख्यात ध्रुपद गुरू श्री अभिजीत सुखदाड़े का ध्रुपद गायन होगा। साथ ही डॉ. पारूल बांदिल द्वारा भक्ति गीत प्रस्तुत किए जायेंगे। इस आयोजन में सुविख्यात सितार वादक पं. भरत नायक के निदेशन में पाश्चात्य एवं भारतीय वाद्यों की जुगलबंदी से सुरों का उत्सव साकार होगा। तानसेन समारोह के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब सुरों की नगरी ग्वालियर में समारोह से पहले स्थानीय कलाकारों के सहयोग से संगीत महफिलें सज रही हैं।