Thursday, December 26, 2024

यात्रियों को स्वच्छ एवं उच्च गुणवत्ता वाला बेडरोल प्रदान करने को प्रतिबद्ध है झाँसी मंडल

ग्वालियर। उत्तर मध्य रेलवे का झांसी मंडल द्वारा ग्वालियर के रेलवे प्लेटफार्म के बनी आधुनिक मैकेनाइज्ड लाउंड्री के बाद अब सभी रेल यात्रियों को स्वच्छ एवं उच्च गुणवत्ता वाला लिनन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। रेलवे का लिनन मैनेजमेंट एसी क्लास के यात्रियों की सुविधा और स्वच्छता को प्राथमिकता देता है।
उत्तर मध्य रेलवे झांसी मंडल की जन संपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह एवं प्रदीप सुडेले ने रविवार को पत्रकारों को मैकेनाइज्ड लाउड्री का अवलोकन कराने के बाद बताया कि  हर यात्री को गाइडलाइन्स के अनुसार 2 बेडशीट, 1 पिलो कवर, 1 ब्लैंकेट तथा एक हैण्ड टॉवल प्रदान किया जाता है, वहीँ प्रथम श्रेणी वातानुकूलित कोचों में उपरोक्त बेडरोल के अतिरिक्त कम्बल कवर के साथ तथा बाथ टॉवल का भी प्रावधान है। इनका वाशिंग कार्य यात्रियों के अनुभव को सर्वोत्तम बनाने के लिए विशेष रूप से सावधानीपूर्वक किया जाता है।
लिनन, पिलो कवर, हैण्ड टॉवल और तौलिए की वाशिंग प्रक्रिया इस प्रकार से संचालित की जाती है कि इन्हें हर उपयोग के बाद धोया जाता है, चाहे वह यात्रा के विभिन्न चरणों में ही क्यों न हो। उदाहरण के लिए, अगर कोई ट्रेन प्रयागराज से मुंबई जा रही है और पहले यात्री ने प्रयागराज से भोपाल तक यात्रा की, फिर दूसरा यात्री भोपाल से इटारसी और तीसरा इटारसी से मुंबई तक, तो तीन सेट लिनन का उपयोग होगा, और हर सेट को उपयोग के बाद वाश किया जाएगा। इस व्यवस्था के तहत यदि एक ट्रेन के यात्रा मार्ग में कई यात्री होते हैं, तो प्रत्येक यात्री को नया लिनन प्रदान किया जाता है और लिनन का उपयोग समाप्त होने के बाद हर सेट को धोकर फिर से इस्तेमाल किया जाता है।
मनोज कुमार सिंह ने बताया कि वहीं रेलवे द्वारा दिये जाने वाले ब्लैंकेट प्रत्येक महीने धोए जाते हैं ताकि उनकी गुणवत्ता बनी रहे। पहले, 2010 से पहले ब्लैंकेट को हर तीन महीने में धोने का नियम था, लेकिन 2016 के बाद इसे हर महीने धोने का निर्णय लिया गया है।
झाँसी मंडल के ग्वालियर स्टेशन स्थित लॉन्ड्री में उत्तर मध्य रेलवे के लिए वाशिंग कार्य आउटसोर्स किया जाता है। इस लॉन्ड्री में एक सीनियर सेक्शन इंजिनीयर एसएसई नियुक्त है, जो यह सुनिश्चित करता है कि धोया गया लिनन, गन्दा और फटा हुआ न हो। इसके अलावा, लिनन की सफेदी की जांच वाइटोमीटर से की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह सफेदी मानकों के अनुरूप है। ग्वालियर मशीनीकृत लौन्दरी में प्रतिदिन लगभग 6000 बेडशीट तथा 3000 पिलो कवर तथा हैण्ड टॉवल क्लीन किये जाते हैं
लिनन की कोडल लाइफ यानी उसकी उपयोगी अवधि को ट्रैक करने के लिए हर लिनन पर डेट स्टैम्पिंग की जाती है। लिनन की उपयोगी अवधि 9 से 12 महीने होती है, जो उसकी गुणवत्ता पर निर्भर करती है। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि यात्रियों को उच्च गुणवत्ता का लिनन ही मिले।

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