विदेश में संकट का सामना कर रही भारतीय महिलाओं की मदद के लिए 9 वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) खोलने के लिए विदेश मंत्रालय के प्रस्तावों को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की अधिकार प्राप्त समिति ने मंजूरी दे दी है। इनमें बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, यूएई, सऊदी अरब (जेद्दा और रियाद) में आश्रय गृहों के प्रावधान वाले 7 ओएससी और टोरंटो तथा सिंगापुर में आश्रय गृहों के बिना 2 ओएससी शामिल हैं। विदेश मंत्रालय ने अब उक्त 9 मिशनों के लिए बजट लाइन खोल दी है।
ऑन-साइट कल्याण गतिविधियों के दायरे को बढ़ाया गया
भारतीय समुदाय कल्याण कोष (ICWF) की स्थापना सभी भारतीय मिशनों और केंद्रों में की गई है, ताकि वे प्रवासी भारतीय नागरिकों के लिए साधन-परीक्षण के आधार पर विभिन्न ऑन-साइट कल्याण कार्यक्रमों के संचालन में उनके आकस्मिक व्यय को पूरा कर सकें। ICWF दिशानिर्देशों को 1 सितंबर 2017 से व्यापक रूप से संशोधित किया गया है। संशोधित दिशानिर्देशों ने संकटग्रस्त भारतीय नागरिकों विशेषकर महिलाओं के हित में ऑन-साइट कल्याण गतिविधियों के दायरे को बढ़ा दिया है, जिसे कोष के माध्यम से पूरा किया जा सकता है।
महिलाओं को सेंटर पर मिलेंगी ये सुविधाएं
इन दिशानिर्देशों में तीन प्रमुख क्षेत्र- अर्थात संकट की स्थिति में प्रवासी भारतीय नागरिकों की सहायता करना (बोर्डिंग और लॉजिंग, हवाई मार्ग, कानूनी सहायता, आपातकालीन चिकित्सा देखभाल, पार्थिव शरीरों का परिवहन), सामुदायिक कल्याण गतिविधियां और कांसुलर सेवाओं में सुधार शामिल हैं। इनमें अब ज्यादा भारतीय आबादी वाले देशों में कानूनी पैनल स्थापित करना, छोटे अपराधों वाले कैदियों की रिहाई के लिए जुर्माना/दंड का भुगतान और विदेशों में संकटग्रस्त भारतीय महिलाओं की मदद शामिल है। आईसीडब्ल्यूएफ के तहत जरूरतमंद भारतीय महिलाओं को भी परामर्श और कानूनी सहायता प्रदान की जाती है, जिन्हें उनके प्रवासी भारतीय/विदेशी पतियों ने छोड़ दिया है।