राजस्थान का प्रसिद्ध लोक नृत्य भवाई, जिसे समूह में किया जाता है। इस नृत्य की खासियत है कि इसे अलग- अलग भावों में कलाकार सिर में मटकी रखकर, कभी थाली के ऊपर, कभी कीलों के ऊपर पारंपरिक वेशभूषा में विशेष पर्वों पर किया जाता है। इसी तरह से युवा कलाकारों ने केरल के प्रसिद्ध लोक नृत्य तिरूवातिराकली भी पारंपरिक वेशभूषाओं में मनोहर रूप से प्रस्तुत किया
इन नृत्यों का आकर्षक प्रस्तुतीकरण मंच पर देखने को मिला, राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय में, जहां शुक्रवार को राज्य स्तरीय युवा उत्सव के तहत दो दिवसीय अंतर जिला विश्वविद्यालय स्तरीय युवा उत्सव के दूसरे दिन प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा का परिचय मंच से दिया। कुलगुरू प्रो. स्मिता सहस्त्रबुद्धे के मागर्दशर्न में हुए इस उत्सव के दूसरे दिन एकल शास्त्रीय नृत्य, समूह लोक नृत्य प्रतियोगिताएं हुईं। हर विधा में जीत के लिए प्रतिभागियों ने बेहतरीन प्रयास किया। प्रतियोगिताओं में ओवरऑल विजेता ग्वालियर रहा। फर्स्ट रनरअप इंदौर और सेकंड रनरअप छिंदवाड़ा रहा।
*कथक में ठुमरी*
प्रतियोगिताओं का शुभारंभ एकल नृत्य शास्त्रीय से हुआ। इसमें प्रतिभागी ने कथक में कवित्व, तोड़ा, चक्करदार परन, तिहाई, द्रुत लय में टुकड़ा, लड़ी के बाद ठुमरी की प्रस्तुति दी। अन्य प्रतिभागी ने राम स्तुति पर कथक की आकर्षक प्रस्तुति दी।
*वर्णम से दिखाई कृष्ण लीला*
इसके बाद कृष्ण की लीलाओं को भरतनाट्यम के *वणर्म* नृत्य के माध्यम से युवा कलाकारो ने मनोहर रूप प्रस्तुत किया। इसमें मां यशोदा के साथ कृष्ण का वात्सल्य, गोवधर्न पर्वत उठाना आदि लीलाओं को आकर्षक रूप से प्रस्तुत करने की कोशिश की गई।
समापन अवसर के मुख्य अतिथि भाजपा के प्रदेश मंत्री श्री लोकेंद्र पाराशर रहे। इस अवसर पर विवि की ओर से कुलसचिव प्रो. राकेश कुशवाह, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डाॅ. हिमांशु द्विवेदी, संयोजक डाॅ. गौरीप्रिया, सहसंयोजक डाॅ. पारूल दीक्षित सहित डाॅ. अंजना झा, डॉ संजय सिंह,श्री विवेक पांडेय, डॉ श्याम रस्तोगी, पीआरओ कुलदीप पाठक सहित कई लोग मौजूद रहे।
*राष्ट्र निर्माण में हो हमारी भूमिका*
मुख्य अतिथि श्री लोकेंद्र पाराशर ने कहा कि जीवन में सफल होना पर्याप्त नहीं है। जीवन का सार्थक होना जरूरी है और जीवन की सार्थकता समाज और राष्ट्र निर्माण में हमारी भूमिका से है। उन्होंने कहा कि जीवन मैराथन की तरह है हमे तय करना है कि हमें किस दिशा में और कैसे दौड़ना है।
*अब सेंट्रल जोन स्तर पर दिखेगा टैलेंट*
संयोजक डाॅ. गौरीप्रिया ने बताया कि अंतर जिला विश्वविद्यालय स्तरीय युवा उत्सव के विजेताओं को अगले स्तर यानी सेंट्रलजोन स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा, जिसका आयोजन डाॅ. हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी सागर में 26 से 30 नवंबर तक होगा।
*ये रहे विजेता*
*एकल गायन शास्त्रीय-*
डिप्लोमा स्तर-
प्रथम- ग्वालियर, द्वितीय- मैहर, तृतीय, छिंदवाड़ा
महाविद्यालय स्तर-
प्रथम- ग्वालियर, द्वितीय-कटनी, तृतीय- इंदौर
*एकल गायन सुगम-*
डिप्लोमा स्तर-
प्रथम- मैहर, द्वितीय- कटनी, तृतीय- ग्वालियर
महाविद्यालय स्तर-
प्रथम- ग्वालियर, द्वितीय- इंदोर,तृतीय- कटनी
*शास्त्रीय एकल वादन (अवनद्ध वाद) परकुशन*
डिप्लोमा स्तर-
प्रथम-ग्वालियर, द्वितीय- मैहर
महाविद्यालय स्तर
प्रथम- ग्वालियर
*शास्त्रीय एकल वादन (स्वर वाद्य) नाॅन परकुशन*
डिप्लोमा स्तर-
प्रथम- मैहर
महाविद्यालय स्तर-
प्रथम- छिंदवाड़ा, द्वितीय- उज्जैन, तृतीय- ग्वालियर
*समूह गान भारतीय*
डिप्लोमा स्तर-
प्रथम – मैहर
महाविद्यालय स्तर –
प्रथम – ग्वालियर, द्वितीय – इंदौर
*एकल नृत्य शास्त्रीय*
डिप्लोमा स्तर-
प्रथम – कटनी, द्वितीय – मैहर
महाविद्यालय स्तर –
प्रथम ग्वालियर
*समूह लोक नृत्य*
डिप्लोमा स्तर-
प्रथम – मैहर, द्वितीय – कटनी
महाविद्यालय स्तर –
प्रथम इंदौर, द्वितीय – ग्वालियर।