कौथंकर ने सिर्फ 215 गेदों में 314 रन की ताबड़तोड़ पारी खेली, जबकि बाकले ने 269 गेंदों में 300 रन की सधी हुई पारी खेली, जिससे गोवा ने केवल 93 ओवरों में 727/2 का विशाल स्कोर खड़ा कर लिया और अरुणाचल पर पहली पारी में 643 रन की बढ़त हासिल कर ली।
स्नेहल कौथंकर ने 205 गेंदों में ताबड़तोड़ 43 चौकों, 4 छक्के की मदद से लगाया तिहरा शतक
29 साल के कौथंकर ने अपना पहला तिहरा शतक सिर्फ 205 गेंदों में बनाया जिसमें उन्होंने 43 चौके और 4 शानदार छक्के लगाए। अपने आक्रामक शॉट्स के लिए मशहूर कौथंकर ने अरुणाचल के गेंदबाजों को जमकर निशाना बनाया और अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ 250 रन के स्कोर को भी तोड़ दिया जो उन्होंने पिछऐएले हफ्ते मिजोरम के खिलाफ बनाया था।
यह रणजी टीम इंडिया टष में दूसरा मौका है जब एक ही पारी में दो बल्लेबाजों ने तिहरा शतक लगाया है। इससे पहले 1989 में तमिलनाडु के डब्ल्यूवी रमन और अर्जुन कृपाल सिंह ने गोवा के खिलाफ यह कारनामा किया था।
कौथंकर की यह धमाकेदार पारी भारतीय खिलाड़ियों द्वारा सबसे तेज तिहरे शतकों की सूची में तीसरे स्थान पर पहुंच गई है। उनसे आगे सिर्फ हैदराबाद के तन्मय अग्रवाल और दक्षिण अफ्रीका के मार्को मारेस हैं।
तन्मय अग्रवाल ने पिछले साल केवल 147 गेंदों में सबसे तेज प्रथम श्रेणी में तिहरा शतक बनाया था, जिससे भारतीय दिग्गज रवि शास्त्री का 39 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया था। कौथंकर ने सिर्फ 146 गेंदों में 200 रन बनाया जो रणजी ट्रॉफी के इतिहास में चौथा सबसे तेज दोहरा शतक है।
लंच के बाद, कश्यप बकले ने भी 269 गेंदों में 39 चौके और 2 छक्कों के साथ अपना तिहरा शतक पूरा किया। यह प्रथम श्रेणी क्रिकेट में भारतीयों द्वारा बनाया गया तीसरा सबसे तेज तिहरा शतक था।
इन दोनों बल्लेबाजों ने मिलकर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में नाबाद 606 रन की साझेदारी, जो सिर्फ 448 गेंदों में हुई। इससे पहले 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच में श्रीलंका के महेला जयवर्धने और कुमार संगकारा की 624 सर्वाधिक रन की साझेदारी के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी है। इस ऐतिहासिक पारी ने गोवा को 643 रन की बढ़त दिलाई और मैच में एक मजबूत स्थिति बना दी।