ग्वालियर : छोटे-छोटे हुनरमंद शिल्पकारों एवं विश्वकर्मा जनों के सपनों को साकार करने में पीएम विश्वकर्मा योजना सही मायने में परिदृश्य बदलने वाली योजना साबित होगी। आर्थिक रूप से सशक्त भारत को विश्व पटल पर लाने के लिये छोटे-छोटे स्तर पर हुनरमंद कारीगरों को मजबूती प्रदान करने में विश्वकर्मा योजना बड़ी भूमिका निभायेगी। इस आशय के विचार कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने यहाँ चेम्बर ऑफ कॉमर्स भवन परिसर में केन्द्र एवं राज्य सरकार के एमएसएमई विभाग द्वारा आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय “विश्वकर्मा प्रदर्शनी सह व्यापार मेला” के उदघाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
कलेक्टर श्रीमती चौहान ने कहा कि छोटे-छोटे शिल्पकार और कारीगर जब अपने उत्पादों की बिक्री करने और प्रदर्शित करने के लिये अपने क्षेत्र से बाहर निकलते हैं, तो उनके उत्पादों को बाजार मिलता है बल्कि उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है। पीएम विश्वकर्मा योजना ने हुनरमंद शिल्पकारों को बड़ा सहारा दिया है।
तीन दिवसीय “विश्वकर्मा प्रदर्शनी सह व्यापार मेला” में ग्वालियर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों के 50 से अधिक शिल्पकार व विश्वकर्मा अपने हुनर व कौशल से बनाए उत्पाद लेकर आए हैं। प्रदर्शनी में मूर्तिकार, बढ़ईकार, मालाकार, दर्जी, औजार निर्माता, सुनार, कुम्हार एवं अन्य हुनरमंद शिल्पकारों द्वारा अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया गया। विश्वकर्मा सह व्यापार मेला आम जनता के लिए दोपहर 12 बजे से सायंकाल 6 बजे तक अवलोकन व खरीदी के लिये खुला रहेगा।
मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्रीज के अध्यक्ष श्री प्रवीण अग्रवाल ने उदघाटन सत्र में कहा कि विश्वकर्मा श्रृष्टि से सबसे बड़े वास्तुकार माने जाते हैं। खुशी की बात है कि भारत सरकार ने संवेदनशीलता का परिचय देकर समाज के छोटे-छोटे मगर हुनरमंद कारीगरों के लिये विश्वकर्मा जैसी कल्याणकारी योजना लागू की है।
एमएसएमई विकास कार्यालय इंदौर के संयुक्त निदेशक श्री राजीव एस ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना में छोटे-छोटे शिल्पकारों का पंजीयन, टूल किट प्रदान करना तथा प्रशिक्षण के बाद रियायती दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है। साथ ही उन्हें बाजार उपलब्ध कराने के प्रयास भी किए जाते हैं।
कार्यक्रम का संचालन सहायक निदेशक एमएसएमई श्री निलेश त्रिवेदी ने किया। इस अवसर पर महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र ग्वालियर श्री के एस सोलंकी ने जानकारी दी कि ग्वालियर जिले में पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत एक लाख 34 हजार से अधिक विश्वकर्माओं का पंजीयन किया गया है।